देहरादून: उत्तराखंड मे खादय आपूर्ति मंत्री आ विभागीय सचिव के नोक झोंक का मामला किसी से छिपा नहीं है आपको बता दें की मंत्री रेखा आर्य विभाग के जिला आपूर्ति अधिकारियों का तबादला अपने मुताबिक और जनता के भले के लिए करना चाहती थी लेकिन पहले ही विभागीय सचिव ने बिना मंत्री के पूछे 6 जिला आपूर्ति अधिकारियों के तबादले कर दिये और जब रेखा आर्य ने तबादले निरस्त करने के लिए आदेश जारी किया तो फिर विभागीय सचिन कुरवे ने उस आदेश को नहीं माना जिसके बाद पक्ष से लेकर विपक्ष तक ने उच्च अधिकारी सचिन कुर्वे को गलत ठहराया और सचिव की निंदा की कैबिनेट मिनिस्टर सुबोध उनियाल ने तो खुली ज़ुबान से इसका विरोध किया। की बिना मंत्री की अनुमति के सचिव ने कैसे तबादले किए। सवाल उठने के बाद भी सचिव ने अपनी हठधर्मिता दिखते हुए तबादले निरस्त नहीं किए जबकि पक्ष से लेकर विपक्ष तक के लोगों ने सचिव की निंदा और मंत्री की तारीफ की।
लेकिन अधिकारियों की मनमानी सिर्फ उच्च स्तर पर नहीं है बल्कि जिले मे खाध्य विभाग के अधिकारी भी उच्च अधिकारियों के संरक्षण मे काम कर रहे हैं। ताज़ा मामला राजधानी देहरादून का है जहां जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय पर राशन डीलर बायोमेट्रिक की समस्या को लेकर पहुंचे नाराज राशन विक्रेताओं ने समस्या का समाधान ना होने पर अपना आक्रोश व्यक्त किया और समस्या समाधान करने की बजाय जिला पूर्ति अधिकारी विपिन कुमार ने राशन विक्रेताओं पर ही आरोप लगा दिया की उनके कार्यालय मे पहुंचकर राशन विक्रेताओं ने जमकर तोड़फोड़ की व महिला कर्मचारियों के साथ अभद्रता की। जबकि सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद के अध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता ने कार्यालय में हुई तोड़फोड़ से साफ इनकार किया है उन्होंने कहा कि सभी डीलर बायोमेट्रिक के विषय को लेकर अपने लैपटॉप अपने साथ कार्यालय लाए थे। और डीएसओ के सामने हमने अपनी समस्याओं को रखा लेकिन DSO ने हमारी बात नहीं सुनी। और हम पर झूठा मुकदमा करने की तैयारी और कर दी। अध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता ने कहा की अगर विभागीय सचिव सचिन कुर्वे ने मंत्री रेखा आर्य की बात मानी होती तो ये DSO यहाँ अपनी दादागिरी न दिखाते और यहाँ इनका तबादला न होता जितेंद्र का कहना है की वो जल्द विभागीय मंत्री के सामने ज़िला पूर्ति अधिकारी, देहरादून विपिन कुमार की करतूत बताएँगे और कारवाई की मांग करेंगे।
एक बात तो साफ है की अगर रेखा आर्य की बात विभागीय सचिव ने मानी होती तो ये हँगामा न होता क्योंकि 6 जिला आपूर्ति अधिकारियों मे जिनके तबादले बिना मंत्री की अनुमति के हुए उनमे देहरादून जिला आपूर्ति अधिकारी विपिन कुमार भी शामिल हैं । वहीं विपक्ष भी DSO पर सवाल उठा रहा है, कांग्रेस का कहना है की अधिकारी हिटलर शाही रवैया अपना रहे हैं अधिकारी कोई सुनने के लिए राज़ी नहीं है। अब सवाल ये उठता है की क्या तबादला किए गए 6 DSO पर विभागीय सचिव का हाथ है जिसके चलते वो हठधर्मिता दिखा रहे हैं ? क्या विभागीय सचिव के चलते DSO को मंत्री का डर खत्म हो गया है ? फिलहाल डीलरों ने मंत्री के ऊपर टिकटिकी लगाई है की DSO के खिलाफ मंत्री कार्रवाई करेंगी वहीं मंत्री रेखा आर्य ने सीएम से विभागीय सचिव पर कार्रवाई करने की मांग की थी । अब देखने वाली बात ये है कि खाद्य विभाग में सचिव और अधिकारियों की मनमानी पर कब तक लगाम लगेगी।