देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति मे बीते विधानसभा चुनाव के दौरान से ही लगातार दुखों का पहाड़ टूट रहा है, एक तरफ जहां लगातार कांग्रेस खाली होती जा रही है वहीं भाजपा का कुनबा बढ़ता जा रहा है। ऐसा नहीं है की कांग्रेस छोड़ नेता सिर्फ बीजेपी मे ही जा रहे हैं बल्कि आम आदमी पार्टी मे भी कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता जा चुके हैं। कांग्रेस के लिए चिंता की बात इसलिए है क्योंकि सब इधर उधर जाने वाले नेता कांग्रेस से ही जा रहे हैं कांग्रेस ने मजबूत विपक्ष दर्शाने के लिए सर्वदलीय समिति का भी सहारा लिया है जिसमे अपने साथ अन्य दलों को जोड़ा है लेकिन यहाँ बात सिर्फ आने जाने की है की आखिर कांग्रेस खाली क्यों होती जा रही है। बीते दिन ही कांग्रेस और बसपा के 45 नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ भाजपा का दामन थाम लिया। इन नेताओं को बीजेपी मे जोड़ने का रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री व हरिद्वार सांसद का बड़ा हाथ है, रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने जन्मदिवस के अवसर पर 45 नेताओं को शामिल कराया इनमें कांग्रेस के दो और बसपा के एक नेता विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद डा रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री डा धन सिंह रावत की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। कांग्रेस व बसपा में भाजपा की इस सेंध को हरिद्वार मे आगामी पंचायत चुनाव और लोकसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है।
वहीं कांग्रेस का कहना है की बीजेपी के पास अपना कुछ नहीं बचा इसलिए भाजपा अन्य दलों के नेताओं को तोड़कर अपनी पार्टी मे जोड़ रही है, आपको बता दें की चाहे भले ही कांग्रेस पार्टी से लोग एक –एक कर दल बादल कर रहे हों लेकिन कांग्रेस अभी भी अपनेआप को सागर मान रही है। कांग्रेस का कहना है की कांग्रेस नदी नहीं समुद्र है उसमे से कुछ बूंद निकाल भी जाएँ तो कोई फर्क नहीं पड़ता यानि कांग्रेस अपने नेताओं के साथ अंतर्कलह रोकने, एक दूसरे पर आरोप लगाने और एकजुट रहने की नसीहत देने की बजाय शांति से बैठी है। अब देखने वाली बात ये है की कांग्रेस से खाली हो रहे नेताओं की पूर्ति कांग्रेस फिर कैसे करेगी ।