देहरादून: जो अधिकारी सरकार की आंख नाक और कान का काम कर रहे थे जो अधिकारी सरकार की साख बनाने के लिए लंबे समय से जुड़े हुए थे जिसने खनन माफिया और शराब माफिया के खिलाफ जंग छेड़ रखी थी ऐसे अधिकारी पर गाज गिरना सवाल खड़े करता है ।मीडिया गलियारों में और देहरादून के राजनीतिक गलियारों में आर राजेश कुमार को सरकार के आंख नाक और कान के रूप में माना जाता था लेकिन इसकी पोल तब खुल गई जब भू माफिया की शिकायत पर शराब कारोबारी ठेकेदारों की शिकायत पर आर राजेश कुमार को चलता कर दिया गया । सवाल है की अगर ईमानदारी से काम करने का ये नतीजा तो अधिकारी कैसे कर पाएंगे काम ।
देवभूमि उत्तराखंड में अच्छे और ईमानदार अफसरों की भी कोई कमी नहीं है । लेकिन अच्छे और ईमानदार अफसरों को काम करने से व्यवस्था ही रुकावट बनती है ।जी हां ताजा मामला देहरादून के जिला अधिकारी डॉक्टर राजेश कुमार और देहरादून के कप्तान और डीआईजी जन्मेजय खंडूरी का है जिसका आज आश्चर्यजनक रूप से विदाई कर दी गई देहरादून के बुद्धिजीवी वर्गों में और मीडिया के गलियारों में इस ट्रांसफर को कई नजरों से खंगाल कर देखा जा रहा है ।1 शराब कारोबारियों की मिलीभगत
देहरादून का एक बड़ा वर्ग डॉ राजेश कुमार के विदाई के पीछे शराब कारोबारियों के ऊपर लगातार हो रही कार्रवाई और ओवर रेटिंग पर किए जा रहे दंडात्मक कार्यवाही का नतीजा माना जा रहा है। जितनी मुंह उतनी बातें लोगों का कहना है कि आर राजेश कुमार को हटाने के लिए शराब कारोबारी ने एकजुटता दिखाई और जिलाधिकारी आर राजेश कुमार को रास्ते का कांटा समझकर निकाल बाहर फेका और इस एकजुटता में शराब कारोबारी और ठेकेदार सफल भी हो गए ।
खनन माफिया की मिलीभगत
इस कार्रवाई के पीछे खनन माफिया के भी हाथ होने की चर्चा आम हो रही है खबर है कि जिलाधिकारी देहरादून खनन माफिया पर भी चोट कर रहे थे और लगातार गश्त और छापेमारी से खनन माफिया के व्यापार में असर पड़ रहा था चोरी से की जा रही खनन पर अवैध रूप से की जा रही खनन पर लगाम लगाने के लिए राजेश कुमार ने खनन माफिया के विरोध में मजबूती से कार्रवाई शुरू कर दी थी जिलाधिकारी देहरादून के ट्रांसफर को खनन माफिया के मिलीभगत से भी जोड़कर देखा जा रहा है ।
राष्ट्रपति उम्मीदवार के प्रोटोकॉल में लापरवाही
मीडिया के कुछ जानकार बताते हैं कि पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का उत्तराखंड आना हुआ था जिसमें जौली ग्रांट एयरपोर्ट के अंदर एयरपोर्ट अथॉरिटी के डायरेक्टर ने उनके प्रोटोकॉल में कुछ गुस्ताखी की थी जानकारी मिल रही है कि डायरेक्टर के प्रोटोकॉल से गुस्साए पार्टी के नेताओं ने देहरादून के डीएम एसएसपी को इसका जिम्मेवार मानते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में इसकी शिकायत की जिसके कारण देहरादून के जिलाधिकारी और एसएसपी दोनों हटाया जाए ।
नेताओं की हो रही थी टेढ़ी नजर
चर्चा तो यह भी है कि जिलाधिकारी देहरादून के बड़े नेताओं की फ़ाइल नहीं कर रहे थे जिलाधिकारी का साफ कहना था कि नियमानुसार जो कार्य होंगे उसको नहीं रोका जाएगा लेकिन जो नियम के विपरीत होगा वह काम नहीं किया जाएगा अपना काम ना होता देख देहरादून के कई बड़े रसूखदार नेताओं की मूंछ का सवाल हो गया था जिन्होंने ऊपर शिकायत करके देहरादून एसएसपी और डीएम को एक साथ हटवाया ।
खबरें चाहे जो भी हो लेकिन अगर कोई अफसर इमानदारी और व्यवस्था को ठीक करने के लिए काम करता है तो उसको काम से रोकने की यह पद्धति उत्तराखंड को पीछे की ओर ले जाएगी इसका खामियाजा पूरे प्रदेश को भुगतना पड़ सकता है।