देहरादून: कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से ईडी द्वारा की जा रही पूछताछ से नाराज कांग्रेसी पूरे देश मे आज प्रदर्शन कर रहे हैं । वहीं उत्तराखंड मे भी कांग्रेसियों सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ने ईडी दफ्तर का घेराव किया और हंगामा किया हंगामे को देख पुलिस ने बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों के जरिये विपक्ष का उत्पीड़न कर रही है। वर्तमान में केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ कांग्रेस मजबूती से आवाज उठा रही है। अपनी कलई खुलती देख भाजपा डर चुकी है। इसलिए एक आधारहीन मुद्दे की आड़ में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को परेशान करने की साजिश की जा रही है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस किसी से डरने वाली नहीं है। भाजपा को समझ लेना चाहिए कि उसका चेहरा बेनकाब हो चुका है। कांग्रेस सत्य और देशवासियों के हितों की रक्षा के लिया सदा संघर्षरत रहेगी। लेकिन दिलचस्प बात ये है की इस प्रदर्शन मे न तो हरक सिंह रावत नज़र आए और न ही हरीश रावत। आपको बता दें की करण माहरा के तंज़ के बाद भी इस प्रदर्शन मे भी हरक सिंह रावत नदारद रहे जबकि कुछ दिन पहले ही माहरा ने हरक के किसी भी प्रोग्राम मे सम्मालित न होने की बात काही थी।
आपको बता दें की इस वक़्त हरीश रावत और हरक सिंह रावत मे तलवारें खींची हुई हैं एक तरफ जहां हरक सिंह रावत ने बीते विधानसभा चुनाव मे हार का जिम्मेदार हरीश रावत को ठहराया था वहीं हरीश रावत ने हरक सिंह रावत को कहा था की उन्हे मैं कांग्रेस मे कैसे वापिस लेकर आया मैं ही जानता हूँ और उनके लिए मैंने केसी कैसी बातें नेताओं से सुनी मुझे ही बता है आपको बता दें दरअसल पिछले दिनों हरक सिंह रावत ने हरिद्वार से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहीर की थी और विपक्ष यानि अपनी ही पार्टी को कमजोर बताया था जिसके ठीक एक दिन बाद हरीश रावत ने हरिद्वार पहुँचकर हरक के लिए बातें कही थी। जहां कांग्रेस के इस प्रदर्शन मे पार्टी मे फिर गुटबाजी की कलाई खुली है और हरक नहीं पहुँचे वहीं भाजपा का कहना है की कांग्रेस बिना वजह प्रदर्शन कर रही है अगर सोनिया गंध बेक़ुसूर है तो उन्हे डरना नहीं चाहिए वहीं भाजपा का कहना है की कांग्रेस अंतर्कलह से जूझ रही है आज भी प्रदर्शन मे हरक सिंह रावत और हरीश रावत नदारद रहे यानि कांग्रेस अनतर्कलह से बौखलाकर प्रदर्शन पर उतारू है।वहीं एक तरफ जहां करन माहरा ने एक तरफ हरीश रावत को दिल्ली मे होने की बात बताई है तो साथ ही साथ ये भी कहा है की दोनों सीनियर नेता है उन्हे खुद सोच समझकर आगे बढ़ना चाहिए
क्या पीसीसी चीफ, माहरा, हरीश – हरक मे सामंजय स्थापित करा पाएंगे ?
क्या हरीश – हरक के झगड़े मे कांग्रेस और कमजोर जो रही है ?
हरक सिंह रावत कांग्रेस के प्रोग्राम मे शिरकत क्यों नहीं करते ?
हरक सिंह रावत की नाराजगी की वजह क्या है ?
पार्टी को कमजोर कर रही है हरक – हरीश की नोकझोंक ?