लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता वरुण गांधी ने रेल किराये में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट को खत्म करने के केंद्र सरकार के निर्णय पर शुक्रवार को सवाल उठाए. उन्होंने पूछा कि एक ओर जहां सांसदों को रेल किराये में रियायत मिल रही है, वहीं बुजुर्गों को दी जाने वाली इस छूट को ‘बोझ’ के तौर पर क्यों देखा जा रहा है.
जब घरेलू फ्लाइट्स की कीमतें लगभग दोगुनी हो चुकी हैं तब तकनीकी खराबी की वजह से देशभर में लगातार विमानों की आपातकाल लैंडिंग के समाचार मिल रहे हैं।
गत 2 महीनों में ही 17 उड़ानें प्रभावित हुई जो बेहद चिंताजनक है।
DGCA को सख्ती दिखानी होगी…क्या हम किसी बड़ी घटना के इंतजार में हैं?
— Varun Gandhi (@varungandhi80) July 22, 2022
रेल मंत्रालय के फैसले को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
उन्होंने उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायत खत्म करने के रेल मंत्रालय के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और सरकार से इस पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि अपने ही लोगों को उनके जीवन के इस मोड़ पर अकेला छोड़ देने का फैसला असंवेदनशील है.
रेलवे ने कहा-अब नहीं मिलेगी सुविधा
बता दें कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में संसद को सूचित किया था कि यात्रियों को रियायतें देने से रेलवे पर ‘भारी बोझ’ पड़ता है. उन्होंने सभी श्रेणियों में यह सुविधा बहाल करने से इनकार कर दिया था. महिला वरिष्ठ नागरिकों को सभी श्रेणी के रेल किराये में 50 प्रतिशत की छूट मिलती थी, जबकि पुरुषों और समलैंगिकों के मामले में यह रियायत 40 प्रतिशत थी. किसी महिला के लिए रियायत का लाभ उठाने की न्यूनतम आयु सीमा 58 साल, जबकि पुरुषों के लिए 60 वर्ष थी.
विमानों में तकनीकी खराबी पर भी उठाए सवाल
सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए ऐसे समय में तकनीकी खामी के चलते बार-बार विमानों को आपात स्थिति में उतारे जाने की घटनाओं पर भी चिंता जताई, जब घरेलू उड़ान सेवाओं के किराये की दरें लगभग दोगुनी हो गई हैं.
वरुण गांधी ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से कड़े कदम उठाने का आग्रह किया और पूछा कि क्या वह किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है क्या. भाजपा नेता ने कहा कि पिछले दो महीने में 17 से अधिक उड़ानें प्रभावित हुई हैं, जो ‘बहुत चिंताजनक’ है.