देहरादून: राष्ट्रपति चुनाव के दौरान का कांग्रेस विधायक की क्रास वोटिंग की जांच ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है। शुक्रवार को राजभवन कूच के लिए दून आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भी इसके संकेत दे दिए हैं। दरअसल, गोपनीय मतदान होने की वजह से कांग्रेस को अपने बागी विधायक की पहचान करना मुश्किल हो गया है। राजीव भवन में मीडिया से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव मामले की पूरी रिपेार्ट हाईकमान को दी जा चुकी है। स्थानीय स्तर पर चिह्नित करने का प्रयास किया गया था, लेकिन कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया। आर्य ने साफगोई से कहा कि चुनाव प्रक्रिया गोपनीय होने के कारण पता लगाना वास्तव में कठिन है। अब सब कुछ समय पर छोड़ा जा रहा है। वर्तमान स्थिति के मद्देनजर ये भी हो सकता है की, कांग्रेस को डर हो की अगर विधायक का नाम सार्वजनिक किया तो कांग्रेस और कमजोर हो जाएगी और एक विधायक और कांग्रेस से किनारा कर सकता है इसलिए शायद इस फाइल को बंद करने मे ही भलाई समझ रही है।
समय पार्टी के साथ विश्वासघात करने वाले लोगों को निसंदेह स्वयं ही बेनकाब कर देगा। मालूम हो कि राष्ट्रपति चुनाव की मतदान प्रक्रिया में कांग्रेस के 17 विधायक शामिल हुए थे। लेकिन कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को वोट केवल 15 मिले। मतदान प्रक्रिया में एक वोट अवैध भी घोषित हो गया था। पार्टी विधायक के भाजपा के पक्ष में मतदान करने से कांग्रेस की काफी किरकिरी हुई है। मतदान के दौरान गैरहाजिर रहे विधायक किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ और बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी से भी न आने की वजह से पूछी गई थी। भंडारी का कहना था कि पारिवारिक कार्यक्रम व रास्ते बंद होने की वजह से वो शामिल नहीं हो पाए। पार्टी स्तर पर उन्हें कोई पत्र अभी नहीं मिला है।