देहरादून: एक तरफ जहां उत्तराखंड मे बारिश ने शनिवार को प्रदेशभर में कहर बरपाया वहीं सूबे के मुखिया ने लोगों की हिम्मत टूटने नहीं दी सीएम ने खुद आपदा प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया अपना हेलिकॉप्टर आपदा प्रभावितों की सेवा मे लगा दिया और खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जेसीबी पर सवार होकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और मौके पर अधिकारियों को निर्देश दिए। हर साल की तरह इस साल भी उत्तराखंड मे आपदा आई लेकिन इस बार सीएम धामी का बनाया गया प्लान कामयाब रहा और आपदा से जल्द निपट लियागया। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, रायपुर विधायक उमेश काऊ और धनोल्टी विधायक प्रीतम पंवार ने भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर नुकसान जायजा लिया । वहीं कांग्रेस के कई दिग्गजों ने भी आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और विपक्ष का कहना था की अक्सर बदल फटने की घटनाएँ होती हैं सरकार को चाहिए वो कच्चे नालों को नहर के रूप मे बनाए ताकि दोनों छोर पर कटान न हो और नुकसान न हो।
आपको बता दें की बीते दिन 50 से अधिक मकान मलबे की चपेट में आ गए । दो पुल टूट गए और 250 से अधिक सड़कें मलबा आने से बंद हो गईं। इस दौरान चार लोगों की मौत हो गई जबकि 20 लोग घायल हो गए। इसके अलावा 13 लोग अभी भी लापता हैं। सूचना पर एक्शन में आई एसडीआरएफ ने 500 से अधिक लोगों को बचाया। चार लोगों को हेलिकॉप्टर से एयर लिफ्ट करके सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। हालात का जायजा लेने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी समेत कई विधायक और अधिकारी पहुंचे।
शुक्रवार रात करीब दो से ढाई बजे शुरू हुई बारिश का सबसे अधिक असर देहरादून और नई टिहरी के सीमा क्षेत्र मालदेवता में रहा। यहां बादल फटने जैसे हालात रहे। मालदेवता, सरखेत, तिमली, मानसिंहवाला, भैंसवाड़ा, सेरकी, छमरोली में कई मकान मलबे से पट गए। टिहरी जिले में तीन लोगों की मौत और पांच के लापता होने की सूचना है। वहीं देहरादून जिले में आठ लोग लापता हो गए हैं, जबकि 20 के घायल होने की खबर है। पौड़ी जिले में एक महिला की मौत हुई है। इस दौरान कई इलाकों में बिजली व पानी की लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो गईं हैं।
वैकिल्पक मार्ग की व्यवस्था करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कमिश्नर गढ़वाल एवं जिलाधिकारी टिहरी को निर्देश दिए कि आपदा प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं। उनके लिए भोजन एवं अन्य आवश्यक सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। लोगों को आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की जाए।
सेना की मदद ली जाएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हेलीकॉप्टर की अवश्यकता पड़ी तो सेना से भी मदद ली जाएगी। स्टेट के हेलीकॉप्टर को भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए अलर्ट मोड पर रखा गया है।
मृतकों की संख्या- 04
- लापता- 13
- घायल- 20
- पशु हानि- 78
- गौशाला बही- 05
अलग-अलग अस्पतालों में 20 घायल भर्ती
तीन घायलों को मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि आठ लोगों को कोरोनेशन और नौ लोगों को जौलीग्रांट स्थित हिमालयन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अस्पताल पहुँचकर घायलों का भी हाल जाना औ उनकी मद्द के लिए हर संभव भरोसा दिया। इसके अलावा सीएम धामी ने आपदा प्रबंधन के अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हे निर्देश दिये की हर स्ंबव प्रयास करके लोगों को सहता पहुंचाई जाये और किसी भी सूरत मे कोई कोताही न बरती जाये।
एयरपोर्ट तक पहुंचा पानी
बिदालना नदी में आए उफान से पानी जौलीग्रांट एयरपोर्ट तक पहुंच गया। एयरपोर्ट टर्मिनल के बाहर खड़ी एक बस भी जलमग्न रही। एयरपोर्ट प्रशासन ने हवाई यात्रियों को बाढ़ के पानी से बचाने के लिए अपनी बसें और अन्य वाहन लगा रखे थे। वहीं बाढ़ को देखते हुए विधायक बृजभूषण गैरोला भी जौलीग्रांट पहुंचे और एसडीएम युक्ता मिश्रा को पानी को डायवर्ट कराने के लिए निर्देश दिए। लोनिवि ने जेसीबी लगाकर पानी डायवर्ट किया।
हरिद्वार में खतरे का निशान पार कर गई गंगा
पर्वतीय इलाकों में मूसलाधार बारिश के बाद शनिवार सुबह गंगा का जलस्तर खतरे का निशान (294 ) पार कर दया। यूपी सिंचाई विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए भीमगोड़ा बैराज के गेट खोल दिए गए। बैराज खोलने से गंग नहर सूख गई। सुबह नौ बजे बाद जलस्तर गिरने लगा। प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट करते हुए एहतियातन गंगा किनारे बसी आबादी में मुनादी कराई। खादर के इलाकों में पानी भर गया। गंगा किनारे भू-कटाव होने से ग्रामीण दहशत में रहे। हालांकि, हरिद्वार क्षेत्र में कहीं कोई जनहानि नहीं हुई।
जीएमओयू की बस सेवा बंद
पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश होने से रवासन नदी का जलस्तर बढ़ गया। नदी का जल स्तर इतना अधिक था बीते पांच सालों में कभी इतना पानी नहीं देखा गया। नदी ने राजाजी टाइगर रिजर्व के कैंपस और नालोवाल गांव की ओर कटाव किया। इससे हरिद्वार-कोटद्वार मार्ग पर जीएमओयू बसों का संचालन बंद रहा।
तीन हाईवे समेत 250 सड़कें हो गई थी बंद
प्रदेश में भारी बारिश से जगह-जगह भूस्खलन और मलबा आने से तीन नेशनल हाईवे समेत कुल 250 सड़कें बंद हो गईं। इसमें 32 स्टेट हाईवे, 16 मुख्य जिला मार्ग, नौ अन्य जिला मार्ग, 79 ग्रामीण सड़कें (सिविल) और 111 पीएमजीएसवाई की सड़कें हैं। सड़कों को खोलने के काम में 229 मशीनों को लगाया है। इससे पहले 98 सड़कें शुक्रवार से बंद थी, जबकि शनिवार को 184 सड़कें बंद हुईं। शनिवार को 32 सड़कों को खोलने का कार्य किया गया।
तीन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
आज भी अगले 24 घंटे में बागेश्वर, चमोली और पिथौरागढ़ में भारी बारिश की संभावना है। इसके मद्देनजर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। कुछ इलाकों में बिजली गिरने की भी आशंका है। मौसम विज्ञानियों ने आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है।