नई दिल्ली : द्वारका जिले की एएटीएस पुलिस ने नकली गड्डी गैंग का भंडाफोड़ करते हुए मास्टरमाईंड सहित 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान प्रवीण और शिवेंद्र के रूप में हुई है. ये नांगलोई और बिंदापुर इलाके के रहने वाले हैं. इनके पास से वारदात में इस्तेमाल की गई बाइक और कागज की एक नकली गड्डी बरामद की गई है. इनकी गिरफ्तारी से पुलिस ने द्वारका जिले के ठगी के 3 मामलों का खुलासा किया है.
डीसीपी एम. हर्षवर्धन के अनुसार, 14 अगस्त को बिंदापुर थाने की पुलिस को दी गयी शिकायत में महिला शिकायतकर्ता ने बताया था कि दो अज्ञात युवकों ने उन्हें नकली गड्डी दिखा कर उनसे उनके गहने उतरवा लिया. महिला की शिकायत पर बिंदापुर थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी ऑपरेशन राम अवतार की देखरेख में एएटीएस के इंचार्ज इंस्पेक्टर कमलेश कुमार के नेतृत्व में इंस्पेक्टर विकास यादव, एसआई दिनेश कुमार, एएसआई तोपेश, हेड कॉन्स्टेबल मनीष और अन्य की टीम का गठन कर आरोपियों की पकड़ के लिए लगाया गया.
जांच के दौरान पुलिस टीम ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फूटेज की जांच कर उनका विश्लेषण किया और गुप्त सूत्रों को सक्रिय कर संदिग्धों के बारे में जानकारियों को इकट्ठा करके इनकी तलाश शुरू कर दी. इसी क्रम में पुलिस को गुप्त सूत्रों से वारदात में शामिल रहे आरोपियों के बारे में सूचना मिली. इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने टेक्निकल और मैन्युअल सर्विलांस की सहायता से ट्रैप लगा कर वारदात में इस्तेमाल की गयी बाइक सहित दो आरोपियों को दबोच लिया. पूछताछ में दोनों ने वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकारी है.
पुलिस को उनके पास से एक नकली गड्डी भी बरामद की है. आरोपियों ने बताया कि वह नांगलोई के रहने वाले अपने तीसरे साथी तरुण के साथ मिल कर कई ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं. आगे की पूछताछ में आरोपी प्रवीण ने बताया कि ठगे गए आभूषणों को उसने सुल्तानपुरी के भानु नाम के शख्स को बेचा गया था. इस पर पुलिस ने सुल्तानपुरी स्थित भानु के घर पर छापेमारी की, लेकिन वो पुलिस से बच निकलने में कामयाब रहा. फिलहाल इस मामले में पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर इनसे जुड़े और लोगों की तलाश कर रही है. साथ ही साथ इसके साथी और रिसीवर की तलाश में भी लग गयी है.