उत्तरकाशी: द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) चोटी पर हुए हिमस्खलन (एवलांच) की चपेट में मरने वालों की संख्या अब 19 हो गई है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) ने की 19 लोगों की मृत्यु की आधिकारिक पुष्टि की है। अभी भी 10 प्रशिक्षु पर्वतारोही लापता हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में 10 लापता प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की तलाश के लिए खोज बचाव टीम जुटी हुई है।
Uttarkashi Avalanche | Till now, 19 bodies have been recovered. Rescue operation is underway by teams of NDRF, SDRF, ITBP, Indian Army, and district administration. I'm also monitoring the rescue operation: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami pic.twitter.com/BiyITrdEMY
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 7, 2022
चार शव पहुंचाए उत्तरकाशी
आज सुबह सात बजे हर्षिल आर्मी हेलीपैड से द्रोपदी का डंडा रेस्क्यू हेतु दो चीता हेलीकॉप्टर द्वारा उड़ान भरी गई। उक्त हेलीकॉप्टर द्वारा चार शवों को मातली हेलीपैड लाने का प्रयास किया गया, लेकिन खराब मौसम के कारण शवों को हर्षित हेलीपैड पर उतार दिया गया। वहीं प्रशिक्षु पर्वतारोही मृतकों में शिवम कैंथल निवासी शिमला हिमाचल शिनाख्त हुई है।
राजकीय सम्मान से किया जाएगा सविता कंसवाल का अंतिम संस्कार
मौसम साफ होने के बाद इन शवों को उत्तरकाशी जिला अस्पताल लाया गया। वहीं हादसे में मृत एवरेस्टर सविता कंसवाल को अंतिम संस्कार से पहले राजकीय सम्मान दिया जाएगा। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में शुक्रवार को बादल छाए हुए हैं। जबकि द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में हल्की बर्फबारी हो रही है। मैनुअली रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही वायु सेना की टीम ने भी हाईरिस्क लिया है।
एवलांच की चपेट में आ गए थे दल के 34 सदस्य
यह खोज अभियान नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम), एसडीआरएफ और जम्मू-कश्मीर हाई एल्टीटयूट वारफेयर स्कूल, गुलमर्ग की 14 सदस्यीय टीम चला रही है। बता दें कि निम का 42 सदस्यीय दल 23 सितबंर को द्रौपदी का डांडा में प्रशिक्षण के लिए गया था। मंगलवार को एवलांच की चपेट में दल के 34 सदस्य आ गए थे। पांच घायलों का उत्तरकाशी में उपचार चल रहा है।
चार अक्टूबर को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) का 42 सदस्यीय दल एडवांस कोर्स के लिए डोकराणी ग्लेशियर के 18600 फीट ऊंचाई वाले द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में गया था। दल में सबसे आगे चल रहे 34 सदस्य उस दिन हिमस्खलन की चपेट में आ गए। इनमें एवरेस्ट विजेता एवं प्रशिक्षक सविता कंसवाल समेत दो प्रशिक्षक और दो प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की मौत हो गई और चार प्रशिक्षकों व एक नर्सिंग स्टाफ घायल हो गए। दल के पांच प्रशिक्षक, एक नर्सिंग स्टाफ और दो प्रशिक्षु सुरक्षित बच गए थे। ये मुख्य दल से काफी पीछे थे।