नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस के लिए ‘एक देश, एक यूनिफॉर्म’ की वकालत की है। पीएम मोदी ने शुक्रवार को कहा कि इसे थोपना नहीं चाहिए, बल्कि इस पर विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पुलिस के बारे में अच्छी धारणा बनाए रखना महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से नई दिल्ली में सभी राज्यों के गृह मंत्रियों के लिए आयोजित 2 दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ये बातें कहीं।
#WATCH | "In past few yrs, all govts have acted responsibly to demolish ground network of terror…We need to handle it by combining our forces. We'll have to defeat all forms of Naxalism – be it gun totting or pen wielding, we'll have to find a solution for all of them," says PM pic.twitter.com/4OcVJliHgK
— ANI (@ANI) October 28, 2022
प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिस के लिए ‘एक राष्ट्र, एक वर्दी’ सिर्फ एक विचार है। मैं यह आप सभी पर थोपने की कोशिश नहीं रहा। इसके बारे में आप सोचिए। यह 5, 50 या 100 सालों में हो सकता है। लेकिन हमें इसके बारे में विचार करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि देश भर में पुलिस की पहचान एक जैसी हो सकती है।
पीएम मोदी ने आंतरिक सुरक्षा के लिए सभी राज्यों से एक साथ मिलकर काम करने पर जोर दिया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि कानून और व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है, इसलिए शांति बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य को एक-दूसरे से सीखना चाहिए, प्रेरणा लेनी चाहिए और आंतरिक सुरक्षा के लिए एक साथ मिलकर काम करना चाहिए।
‘आंतरिक सुरक्षा पर एक साथ काम करें राज्य‘
नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आंतरिक सुरक्षा के लिए राज्यों का एक साथ मिलकर काम करना संवैधानिक आदेश के साथ ही देश के प्रति जिम्मेदारी भी है। सभी एजेंसियों को कार्य क्षमता, बेहतर परिणाम और आम आदमी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करना चाहिए। कानून और व्यवस्था की स्थिति संविधान के अनुसार राज्य का विषय हैं। हालांकि, वह देश की एकता और अखंडता से समान रूप से संबद्ध है।’
‘आजादी से पहले बनाए कानूनों की करें समीक्षा‘
2 दिवसीय चिंतन शिविर का उद्देश्य ‘विजन 2047’ और ‘पंच प्रण’ पर अमल के लिए एक कार्य योजना बनाना है, जिसका ऐलान प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में किया था। पीएम मोदी ने राज्यों से आजादी से पहले बनाए कानूनों की समीक्षा करने और मौजूदा संदर्भ में उनमें संशोधन करने के लिए भी कहा।