देहरादून: लैंसडौन सहित कुछ कैंट एरिया के नाम बदलने को लेकर अब पूर्व सीएम हरीश रावत ने सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है कि जब सरकारों के पास जनता को बताने के लिए कुछ नहीं होता है, तब वह इस तरह के प्रपंच रचती हैं। हरीश रावत ने इसे जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया। कहा कि पूर्व में कभी ब्रिटिशकालीन, कभी मुगलकालीन नाम बदलने का खेल खेला जाता रहा है। अब यह कहानी उत्तराखंड में भी दोहराई जा रही है। उन्होंने कहा कि लैंसडौन एक विश्व प्रसिद्ध नाम है। सरकार उसे तो बदल रही है, लेकिन अंग्रेजों के उन कानूनों को नहीं बदल रही है, जिसके कारण वहां के निवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जब सरकारों के पास जनता को बताने के लिए कुछ नहीं होता है, तब वो पुराने कभी ब्रिटिश कालीन,कभी मुगलकालीन को बदलने का एक प्रपंच रचते हैं..https://t.co/C1Mkq3LnXr… जिससे लोग कह सकें, हाँ हमारी सरकार है।#uttarakhand @pushkardhami pic.twitter.com/TXr6mS6IIB
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) October 30, 2022
उसी तरीके से देहरादून और मसूरी में कुछ कैंट एरिया हैं, जिनके नाम अंग्रेजों ने रखे हैं। लेकिन यह विश्व प्रसिद्ध नाम हैं। उन्होंने सवाल किया, मसूरी भी विश्व प्रसिद्ध नाम है, क्या सरकार उसका नाम भी बदलेगी। इसी तरह से लैंसडौन व रानीखेत भी विश्व प्रसिद्ध नाम हैं।
नैनीताल, जिसको छोटा लंदन कहा जाता था तो क्या सरकार उसका भी नाम बदलेगी। क्योंकि उसके साथ अंग्रेजों की पहचान जुड़ी है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी का नाम बदलने का जुमला है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को इस जुमले में फंसने के बजाय राज्य के लोगों का भाग्य बदलने के काम में लगना चाहिए। उन्हें जमीन पर कुछ करके दिखाना चाहिए, जिससे लोग कह सकें, हां यह हमारी सरकार है।