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हरिद्वार: देव संस्कृति विश्वविद्यालय के मृत्युंजय सभागार में छठा दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय टॉपर उर्वशी शर्मा, वंदना आर्य, चित्रा कश्यप, रूपम, आकर्षित मौर्य को उपाधि प्रदान की। वहीं, उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देव संस्कृति विश्वविद्यालय में शिक्षा के साथ संस्कार भी दिया जाता है। यहां से शिक्षित विद्यार्थी जहां भी जाएं दुखियों का सहारा बनें।अंधेरे के लिए सवेरा बनें। कहा कि यहां केवल आध्यात्मिक और आधुनिक शिक्षा ही नहीं जीवन प्रबंधन भी सिखाया जाता है। व्यक्तित्व और चरित्र का निर्माण भी होता है। दो दशक में विश्वविद्यालय की ख्याति राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनी है। दुनिया में जो कुछ भी परिवर्तन हो रहा है उसे देखते हुए भारत ने नई दिशा दुनिया को दी है । विज्ञान और आध्यात्मिकता के सम्मिश्रण से आने वाले समय में भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा। उन्होंने विद्यार्थियों से यहां से अर्जित ज्ञान के प्रकाश को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का आह्वान किया। इस अवसर पर कुलाधिपति डॉ प्रणव पंड्या, प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पंड्या ,डॉक्टर अमिता बिरला आदि मौजूद रहे। 2667 विद्यार्थियों को दी डिग्री कुल 2667 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की जाएगी। इनमें छह विश्वविद्यालय टॉपर, 72 पीएचडी और 2589 पीजी, यूजी, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट विद्यार्थी शामिल हैं। 2589 पीजी, यूजी, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट विद्यार्थियों में से 1475 छात्राएं हैं।

हरिद्वार: देव संस्कृति विश्वविद्यालय के मृत्युंजय सभागार में छठा दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय टॉपर उर्वशी शर्मा, वंदना आर्य, चित्रा कश्यप, रूपम, आकर्षित मौर्य को उपाधि प्रदान की। वहीं, उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देव संस्कृति विश्वविद्यालय में शिक्षा के साथ संस्कार भी दिया जाता है। यहां से शिक्षित विद्यार्थी जहां भी जाएं दुखियों का सहारा बनें।अंधेरे के लिए सवेरा बनें। कहा कि यहां केवल आध्यात्मिक और आधुनिक शिक्षा ही नहीं जीवन प्रबंधन भी सिखाया जाता है। व्यक्तित्व और चरित्र का निर्माण भी होता है। दो दशक में विश्वविद्यालय की ख्याति राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनी है।

दुनिया में जो कुछ भी परिवर्तन हो रहा है उसे देखते हुए भारत ने नई दिशा दुनिया को दी है । विज्ञान और आध्यात्मिकता के सम्मिश्रण से आने वाले समय में भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा। उन्होंने विद्यार्थियों से यहां से अर्जित ज्ञान के प्रकाश को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का आह्वान किया। इस अवसर पर कुलाधिपति डॉ प्रणव पंड्या, प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पंड्या ,डॉक्टर अमिता बिरला आदि मौजूद रहे।

2667 विद्यार्थियों को दी डिग्री

कुल 2667 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की जाएगी। इनमें छह विश्वविद्यालय टॉपर, 72 पीएचडी और 2589 पीजी, यूजी, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट विद्यार्थी शामिल हैं। 2589 पीजी, यूजी, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट विद्यार्थियों में से 1475 छात्राएं हैं।

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Author: nirbhiknazar

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