देहरादून: कार्यालय संयुक्त आबकारी आयुक्त गढ़वाल मंडल के जारी राजस्व की समीक्षा रिपोर्ट ने जनपद देहरादून के जिला आबकारी अधिकारी के कार्यशैली की कलई खोल दी है आबकारी आयुक्त के राजस्व की समीक्षा रिपोर्ट में द्वितीय पृष्ठ के दसवीं पारा ग्राफ में स्पष्ट लिखा हुआ है कि विदेशी मदिरा दुकान आईएसबीटी की द्वितीय प्रतिभूतियों यो बैंक गारंटी के रूप में जमा की गई थी को वित्तीय वर्ष 2022 तक हेतु नवीनीकृत नहीं कराया गया जिस के संबंध में नियमानुसार कार्रवाई करने हेतु बार-बार निर्देशित करने के पश्चात भी संबंधित दुकानों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है और जिला आबकारी अधिकारी देहरादून स्तर से उपरोक्त दुकानों के विरुद्ध निर्णय अनुसार कार्यवाही ना करने तथा राजस्व एवं प्रतिभूतियों के संबंध में बढ़ती जा रही घोर लापरवाही अत्यंत चिंताजनक है। और इससे राजस्व क्षति की प्रबल संभावना बनी हुई है । गत वर्ष के अवशेष मदिरा स्टॉक पर्दे राजस्व तथा गत वर्ष के दंडक ब्याज की धनराशि 62,79 ,5756 को भी जमा नहीं कराया जा रहा है जो अत्यंत खेद जनक और जिला आबकारी अधिकारी का राजस्व के प्रति घोर लापरवाही प्रदर्शित करता है ।
ऐसे में सवाल उठता है कि जब विभाग में बिना गारंटी के बिना सिक्योरिटी के दुकान नहीं दी जा सकती तो जिला आबकारी अधिकारी देहरादून द्वारा 10 दुकानें किस प्रकार आवंटित कर दी गई और अगर यह 10 दुकानें डिफॉल्ट होती हैं तो सरकार इस डिफॉल्टर दुकानदारों से कहां से पैसा वापस लेगी क्या इतनी बड़ी धनराशि की भरपाई जिला आबकारी अधिकारी देहरादून कर पाएंगे यह एक बड़ा सवाल है जिस पर विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए ।।