वाराणसी: जेल से बंदी के भाग निकलने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। कैसे भागा! जवाब में अक्सर यही तथ्य- सुरक्षाकर्मियों की नजर से बचकर। बहाने से चकमा देकर, दीवार फांदकर या सुरंग बनाकर। वाराणसी की जिला जेल से भागा बंदी राजू सिंह ऐसा बिल्कुल नहीं निकला। शनिवार को भागने में वह न दीवार फांदा। सुरंग या सेंध का भी सहारा नहीं लिया। न बहानेबाजी, न नजर से बचने का काम। सुरक्षाकर्मियों के सामने से निकला। हाथ में लगी मुलाकाती की मुहर दिखाई और आराम से मुख्य द्वार से बाहर गया। बाद में जब जेल प्रशासन को वह गायब मिला तो खलबली मची।
आलू से बनाई मुहर
सोमवार को पकड़े जाने के बाद बंदी ने पूछताछ में जो कुछ बताया, उसे सुनकर अधिकारियों ने माथा पीट लिया। राजू ने आलू कुरेद कर मुहर बनाई थी। मुहर की नकल तैयार करने में हुनर ऐसा कि सुरक्षाकर्मी भी मात खा गए। दुष्कर्म का आरोपित बंदी राजू सिंह उर्फ राजू बंगाली को स्पेशल टास्क फोर्स ने सोमवार सुबह गिरफ्तार किया।
मुहर की नकल कागज पर बनाई
पास से मोबाइल फोन मिला। उसने बताया कि वह प्रतिदिन ध्यान से देखता था कि जेल आते समय मुलाकातियों को हाथ पर कैसी मुहर लगाई जाती है। दिन के मुताबिक मुहर बदल जाती थी। वह मुहर की नकल कागज पर बनाता और आलू पर उसकी आकृति उकेर लेता।
फोन कर पीड़िता को धमकाया
शनिवार को लगने वाली मुहर की आकृति पहले ही तैयार कर ली थी। स्याही लगाकर मुहर अपने हाथ पर लगाई और अन्य मुलाकातियों के बीच संतरी को दिखाकर जेल से फरार हो गया। इसके बाद अपने दोस्त से पुराना मोबाइल फोन लिया और रिचार्ज कराया। पीड़िता को फोन कर धमकाता रहा।
पेड़ पर काटी रातें
राजू के मुताबिक शनिवार और रविवार की रात पेड़ पर काटी। पुलिस मोबाइल फोन की लोकेशन से पास पहुंचकर लौट जाती। वह सोमवार को मुगलसराय से कोलकाता भागने की फिराक में था।