Nirbhik Nazar

चुनावी व्यस्तता के बीच घोड़ाखाल सैनिक स्कूल पहुंचे सीएम धामी, छात्र-छात्राओं से किया वार्तालाप: Video

नैनीताल: सैन्य पृष्ठभूमि वाले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जब भी सैनिकों या सैन्य स्कूल के छात्रों से मिलने का मौका मिलता है तो वो इसे यादगार बना देते हैं. बुधवार को सीएम धामी नैनीताल जिले में थे. दोपहर में उन्होंने नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी अजय भट्ट के समर्थन में हल्द्वानी शहर में रोड शो किया. इसके बाद सीएम धामी नैनीताल स्थित घोड़ाखाल सैनिक स्कूल पहुंच गए.

घोड़ाखाल सैनिक स्कूल के छात्र-छात्राओं से मिले सीएम धामी

घोड़ाखाल सैनिक स्कूल में सीएम धामी ने छात्रों से मुलाकात की. सीएम धामी ने सैनिक स्कूल के छात्र-छात्राओं से बातचीत भी की. सीएम धामी ने छात्रों से कहा कि खूब पढ़ना है, खूब खेलना है और आसमान को छूना है. सीएम धामी इस दौरान छात्रा-छात्राओं से पूछते हैं कि आसमान कैसे छुओगे? इस पर वो जवाब देते हैं कड़ी मेहनत करके आसमान छुएंगे.

इस दौरान सीएम धामी ने लद्दाख से आई 3 छात्राओं से भी बात की. लद्दाख की बच्चियों से बात करके मुख्यमत्री पुष्कर सिंह धामी काफी प्रभावित और खुश हुए. सीएम धामी ने घोड़ाखाल सैनिक स्कूल के छात्रा-छात्राओं के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई. सीएम धामी ने सैनिक स्कूल के छात्रा-छात्राओं से मिलने के अनुभव को बेमिसाल बताया. सीएम ने कहा कि ये बच्चे देश के रक्षक बनने वाले हैं. इनके हाथों में देश सुरक्षित रहेगा. गौरतलब है कि सीएम धामी के पिता शेर सिंह धामी भी सैनिक रहे हैं. वो सूबेदार के पद से रिटायर हुए थे.

घोड़ाखाल सैनिक स्कूल के बारे में जानें

घोड़ाखाल सैनिक स्कूल 21 मार्च 1966 को स्थापित हुआ. इसके नाम से एक रोचक घटना जुड़ी है. 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक ब्रिटिश जनरल क्रांतिकारियों से बचने के लिए इस क्षेत्र में भटक रहा था. वहां मौजूद तालाब से पानी पीते समय इस ब्रिटिश जनरल के घोड़े की मौत हो गई. तब से स्थानीय लोगों ने इस स्थान का नाम घोड़ाखाल रख दिया.

उत्तराखंड के कुमाऊं के इलाके में ‘खाल’ का अर्थ ‘तालाब’ से होता है. ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार घोड़ाखाल संपत्ति 1870 में ब्रिटिश शासकों ने जनरल व्हीलर को भेंट कर दी थी. इसके बाद अगली सदी यानी 1921 में एक और घटनाक्रम हुआ. रामपुर के तत्कालीन नवाब हामिद अली ने ये संपत्ति खरीद ली. जब 1947 में हमारा देश आजाद हुआ तो तब प्रिवी पर्स (नवाबों को मिलने वाली विशेष धनराशि) समाप्त होने पर तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने 1964 में नवाब हामिद अली से घोड़ाखाल की संपत्ति खऱीद ली. 21 मार्च 1966 को घोड़ाखाल सैनिक स्कूल स्थापित हुआ.

nirbhiknazar
Author: nirbhiknazar

Live Cricket Score
Astro
000000

Live News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *