रांची ब्यूरो
रांची: पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी क्रिकेट के बाद अब खेती-किसानी में भी रिकॉर्ड्स अपने नाम कर रहे हैं। धोनी को पूर्वी भारत के सर्वश्रेष्ठ गो-पालक का सम्मान मिला है। उन्हें यह अवार्ड रांची के बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (BAU) में चल रहे किसान मेले में दिया गया। कुणाल गौरव ने बताया कि यह उसके लिए गौरव के क्षण हैं कि उसे धोनी के बदले सम्मान लेने का मौक मिला। धोनी अपने फार्म हाउस के गायों से बहुत प्यार करते हैं, वे जब रांची में होते हैं तो दिन में एक बार फार्म हाउस जरूर आते हैं। बता दें कि रांची स्थित धोनी के ईजा फार्म हाउस में फिलहाल 73 गायें हैं। इनमें फ्रेजियन और साहिवाल नस्ल की गायें शामिल हैं. इन्हें पंजाब से लाया गया है। इन गायों से रोजाना लगभग 400 लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है। दूध बेचने के लिए धोनी ने रांची के कई इलाकों में आउटलेट खोल रखा है। फ्रेजियन नस्ल की गाय का दूध 55 रुपये लीटर और साहिवाल नस्ल की गाय का दूध 85 रुपये लीटर बेचा जा रहा है। होम डिलीवरी की भी व्यवस्था है। शुक्रवार को यह सम्मान झारखंड विधानसभा के स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने धोनी के प्रतिनिधि के तौर पर आए उनके कर्मचारी कुणाल गौरव को दिया।
कुणाल के मुताबिक धोनी जब भी रांची में होते हैं, गायों की सेवा करते हैं। उनके खान-पान का भी खयाल रखते हैं। धोनी के फार्म हाउस में 300 गायों को रखने की जगह है। धोनी गाय के एक बेहतर ब्रीड तैयार करने में लगे हुए हैं। बता दें कि क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद एमएस धौनी खेती-किसानी में व्यस्त हैं। उन्होंने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच 2019 में हुए वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में खेला था। उसके बाद वे अपने खेत में सब्जियां उगाने में व्यस्त हैं। वे अपने खेत में स्ट्रॉबेरी भी उपजा रहे हैं।