रुद्रप्रयाग ब्यूरो
रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के प्रसिद्ध चार धाम यात्रों में से एक और करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई 2021 को सुबह 5 बजे भक्तों के लिए खोले जाएंगे। यही प्राचीन परंपरा रही है कि हर साल महाशिवरात्रि के पावन पर्व के अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ धाम के कपाट ग्रीष्मकालीन यात्रा के लिए खोलने की तारीख और समय तय किया जाता है। इस बार भी 11 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ रावल ने मंदिर के कपाट खोलने की तारीख और समय की घोषणा की। उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने इस बात की जानकारी दी है। बीते साल नवंबर में केदारनाथ धाम के कपाट परंपरा के अनुसार और वैदिक उच्चारण के साथ 6 माह के लिए बंद कर दिए गए थे। बारिश और बर्फबारी के बीच विश्व प्रसिद्ध 11वें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर बंद किए गए थे। बीते यात्रा वर्ष में 1 लाख 35 हजार 23 श्रद्धालुओं ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए।
कपाट बंद होने से पहले भगवान को ऊन का लबादा पहनाया गया था। इस ऊन के लबादे पर घी लगाया जाता है। यहां पर भक्त और भगवान की आत्मीयता और लगाव के दर्शन होते हैं। प्रभु को ठंड न लगे, इस धारणा, आत्मीयता, स्नेह के कारण भगवान को यह ऊन का लबादा जिसे घृत कम्बल कहते हैं, पहनाया जाता है। इसे भारत के अंतिम गांव माणा की कन्या बुनकर भगवान को देती हैं। भगवान के प्रति सम्मान यह वस्त्र उपहार और आदर के रूप में देखा जाता है।
मान्यता है कि भगवान के शीतकाल में कपाट बंद होने पर देवता, भगवान का दर्शन-अर्चन करने आते हैं। जिस तरह कपाट खुलने पर मानव भगवान का दर्शन-अर्चन करते हैं।