भोपाल ब्यूरो
भोपाल: प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के नेतृत्व में सोमवार को प्रदेश कांग्रेस परिसर के समक्ष भगवान श्री रामचंद्र जी की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किए जाने वाले बयान के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का पुतला दहन किया गया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तीरथ सिंह रावत के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि तीरथ सिंह रावत जैसे चापलूसों का पुतला जलाना इसलिए आवश्यक है क्योंकि ऐसे चापलूसों से ही देश का सर्वनाश हो रहा है। उन्होंने कहा कि अपने आका नरेन्द्र मोदी को खुश करने के लिए कि नरेन्द्र मोदी को भगवान राम का अवतार है, लेकिन तुम हजारों जन्म ले लो तो भी राम भगवान का अवतार जीवन में नहीं बन सकते।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि तुमने तो देश को मिट्टी में मिला दिया है, देश को अडानी अंबानी के यहां गिरवी रखा दिया है। ऐसे अवतार बताने वाले लोगों का पुतला क्या ऐसे लोगों की तो सरकार ही गिरा देनी चाहिए। इस अवसर पर युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा, सिध्दार्थ सिंह राजावत, विकी खोंगल, अब्बास हफ़ीज़, युवा कांग्रेस के प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी, रवि वर्मा सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे। बता दें कि उत्तराखंड के नये मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना भगवान राम से की करते हुए कहा है कि भगवान राम ने समाज के लिए अच्छा काम किया था। इसलिए लोग उन्हें भगवान मानने लगे थे। इसी तरह भविष्य में प्रधानमंत्री के साथ भी ऐसा ही होगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का पुतला दहन;
चापलूसी के सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुये उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने नरेंद्र मोदी को भगवान राम के समकक्ष बताने का दुस्साहस किया है।
कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा जी के नेतृत्व में तीरथ सिंह रावत का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया। pic.twitter.com/4BsnEMSo90
— MP Congress (@INCMP) March 15, 2021
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का पुतला दहन, चापलूसी के सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने नरेंद्र मोदी को भगवान राम के समकक्ष बताने का दुस्साहस किया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा के नेतृत्व में तीरथ सिंह रावत का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया।”