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सीएम धामी ने अर्धकुंभ 2027 को लेकर हरिद्वार में की पहली बैठक, 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि हुए शामिल

हरिद्वार: आज से 2027 अर्धकुंभ मेले की विधिवत शुरुआत हो गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज हरिद्वार पहुंचे. जहां उन्होंने डामकोठी में सभी तेरह अखाड़ों के साधु संतों के साथ बैठक शुरू कर दी है. बैठक में सभी बड़े साधु संत मौजूद हैं. सीएम धामी ने सभी साधु संतों को फूलमाला और शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया.

बता दें सरकार 2027 अर्धकुंभ मेले को पूर्ण कुंभ के रूप में आयोजित करेगी. इसलिए आज कुंभ की तर्ज पर हरिद्वार में पेशवाई, शाही स्नान और छावनियों को लेकर चर्चा की जाएगी. कार्यक्रम में गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे और आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, कुंभ मेलाधिकारी सोनिका, डीएम मयूर दीक्षित, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल और अपर मेलाधिकारी दयानन्द सरस्वती समेत कई विभागों के अधिकारी भी मौजूद हैं.

दो जगहों पर लगता है अर्ध कुंभ

देश में दो ही ऐसे स्थान हैं, जहां पर अर्ध कुंभ मेला लगता है. पहला हरिद्वार और दूसरा उत्तर प्रदेश का प्रयागराज. प्रयागराज में लगने वाले अर्ध कुंभ मेले को माघ मेले का नाम दिया जाता है, जबकि हरिद्वार में आयोजित होने वाले मेले को अर्ध कुंभ ही कहा जाता है.

अर्ध कुंभ को लेकर भी सरकार बड़े स्तर पर तैयारियां कर रही है. क्योंकि अर्ध कुंभ में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचते हैं. हालांकि, इस दौरान कुंभ मेले की तरह अखाड़ों की पेशवाई नहीं निकलती है. साथ ही साधु-संतों के लिए कुंभ की तरह अर्ध कुंभ में कोई खास व्यवस्था भी नहीं होती है. महाकुंभ में ही सरकार सबसे अधिक सरकार साधु संतों के लिए ही व्यवस्था करती है. मान्यता भी यही है कि महाकुंभ हकीकत में साधु-संतों का ही मेला होता है. परंतु इस बार राज्य सरकार ने हरिद्वार में आयोजित होने वाले अर्ध कुंभ मेले को कुंभ की तर्ज पर करवाने का फैसला लिया है.

कुंभ को लेकर गंगा घाटों को मजबूत किया जा रहा है, वहीं कुछ नए घाट भी बनवाए जा रहे हैं. सुरक्षा और इंतजामों को देखते हुए हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र को कई जोन और सेक्टरों में बांटा गया है. मेला अधिकारी सोनिका सिंह लगातार अधिकारियों के साथ बैठक लेकर अर्ध कुंभ मेले की तैयारी को रफ्तार दे रही हैं.

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Author: nirbhiknazar

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