उत्तरकाशी: जनपद की गंगोत्री विधानसभा के विधायक गोपाल रावत ने गुरुवार दोपहर दून स्थित गोविंद अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन से गंगोत्री विधानसभा को बहुत बड़ी क्षति हुई है। तो वहीं, भाजपा और गंगोत्री विधानसभा की जनता ने भी अपने एक सरल और स्पष्टवादी नेता खो दिया है। भाजपा विधायक गोपाल रावत लंबे वक्त से कैंसर से पीड़ित थे। हाल ही में उन्हें पीलिया की शिकायत पर देहरादून के गोविंद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनका निधन हो गया। सीएम तीरथ सिंह रावत ने विधायक गोपाल रावत के निधन पर संवेदना प्रकट किया। उन्होने ट्वीट करके भी अपनी संवेदना व्यक्त की है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं गंगोत्री विधायक श्री गोपाल रावत जी के निधन से जनमानस में शोक की लहर है। कैंप कार्यालय में मंत्रीगणों और विधायकों के साथ उनके निधन पर दो मिनट का मौन रखते हुए गहरा शोक व्यक्त किया। दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की गई। pic.twitter.com/O1kv4QCNkc
— Tirath Singh Rawat (@TIRATHSRAWAT) April 22, 2021
दिवंगत गंगोत्री विधायक गोपाल रावत 62 वर्ष के थे और इससे पूर्व वह 2007 में गंगोत्री विधानसभा से विधायक चुने गए थे। गोपाल रावत अपने पीछे पत्नी सहित एक पुत्र और दो पुत्री सहित भरापूरा परिवार छोड़ गए। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरआत राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी में साल 1984 में छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में की थी।

छात्रसंघ अध्यक्ष जीतने के बाद गोपाल रावत ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उसके बाद नगरपालिका उत्तरकाशी में सभासद पद पर भी आसीन रहे। गोपाल नगर राजनीति से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कूदे और 1996 से 2002 तक ब्लॉक प्रमुख डुंडा बने।
उत्तराखंड बनने के बाद साल 2005 में गोपाल रावत ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की और उसके दो बाद साल 2007 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी को 18 हजार मतों से हराया। साल 2012 में गोपाल रावत को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद साल 2017 में एक बार फिर विधानसभा चुनाव में 9 हजार मतों के अंतर से जीत हासिल कर गंगोत्री विधानसभा में भाजपा का परचम लहराया।