देहरादून: प्रदेश में 12.44 लाख वंचित परिवारों को पीने के पानी की सुविधा उनके घर तक पहुंचाई जाएगी। 2024 तक इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार ने कदम बढ़ा दिए। केंद्र की मोदी सरकार के नए बजट में सभी शहरी निकायों में हर घर को पेयजल कनेक्शन के संकल्प को उत्तराखंड में जल्द धरातल पर उतारा जा सकेगा। जल जीवन मिशन के तहत सभी शहरी निकायों में पेयजल कनेक्शन से वंचित परिवारों की सुध ली गई। इन घरों में पेयजल कनेक्शन दिए जाएंगे। साथ ही निकाय क्षेत्रों के सभी परिवारों को सर्वसुलभ जलापूर्ति की जाएगी। मिशन के अंतर्गत ही अमृत शहरों में तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था को भी अंजाम दिया जाना है। केंद्रीय बजट में इस प्राथमिकता को प्रदेश की भाजपा सरकार ने तुरंत हाथों-हाथ लेने की कवायद प्रारंभ कर दी।
मंत्रिमंडल की बैठक मे जल जीवन मिशन कार्यक्रम के सुचारू संचालन को इसके ढांचे पर मुहर लग चुकी है। मंत्रिमंडल के समक्ष मिशन के ढांचे में 129 पदों का प्रस्ताव रखा गया था। वित्त ने 97 पदों पर हामी भरी है। प्रस्तावित ढांचे में समन्वयकों के 42 पद कम किए गए हैं। इनके स्थान पर अधिशासी अभियंता के दो पद, सहायक अभियंता के चार पद और कनिष्ठ अभियंता के चार पद समेत कुल 10 अतिरिक्त पदों को ढांचे में शामिल किया गया है। मंत्रिमंडल ने भी इसे ही स्वीकार कर लिया। और विभाग के सचिव और एसए मुरुगेशन भी अब इस मेहनत मे जी जान से लगे हुए हैं।
ये है जल जीवन मिशन का ढांचा
अपर निदेशक-एक, परियोजना प्रबंधक-तकनीकी, परियोजना प्रबंधक-अनुश्रवण, परियोजना प्रबंधन-वित्त के एक-एक पद, समन्वयक के पांच पद, हाइड्रोलाजिस्ट का एक, अधिप्राप्ति विशेषज्ञ का एक, प्रोग्रामर के दो, अधिशासी अभियंता के दो, सहायक अभियंता के चार, कनिष्ठ अभियंता के चार, कार्यालय सहायक के चार, टैली सहायक के दो, लेखा सहायक के दो व बहुद्देश्यीय कर्मी के चार पद पद।