हरिद्वार: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार में कुंभ के आयोजन से कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी की बात गलत है। उन्होंने सवाल दागा कि क्या महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल व अन्य राज्यों में कुंभ हो रहा था, जो वहां कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई। प्रदेश सरकार ने कुंभ में आरटीपीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य किया था। बिना निगेटिव रिपोर्ट के आने वाले व्यक्तियों के 13 हजार वाहनों को प्रदेश की सीमा से वापस भेजा गया। शनिवार को जागरण से बातचीत में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि जब उन्होंने पद संभाला, तब कुंभ की तैयारियां हो चुकी थीं। जब कुंभ शुरू हुआ, तब प्रदेश में कोरोना के मामले कम हो रहे थे। जब मामले बढ़े, तो कुंभ को प्रतीकात्मक रूप में आगे बढ़ाया गया। कुंभ की तिथियां पहले ही तय हो जाती हैं। यह कुंभ भी उसी क्रम में हुआ है।
इस दौरान केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पूरा अनुपालन कराया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ऐसा बयान कभी नहीं दिया कि कुंभ में स्नान करने से कोरोना ठीक हो जाता है। यह उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ में स्नान करने के बाद श्रद्धालु कई राज्यों को पार कर अपने गृह जिलों तक पहुंचे। इस दौरान वे ऐसे क्षेत्रों से भी गुजरे, जहां कोरोना संक्रमण के मामले काफी अधिक थे। ऐसे में यह कहना कि कुंभ में आने के बाद ही वे संक्रमित हुए, गलत है। उत्तराखंड में प्रवासी बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से अपने गांवों को आ रहे हैं। इससे भी प्रदेश में संक्रमण बढ़ा है। यहां तक कि प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में भी जुट गई है। कोरोना संक्रमण और दैवीय आपदा को देखते हुए सरकार ने चारधाम यात्रा को स्थगित किया है। हालांकि, यहां पूजा-अर्चना होती रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार 2022 का चुनाव विकास के नाम पर लड़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश में विकास कर रहे हैं, तो उनके नाम पर ही चुनाव लड़ा जाएगा।