पटना: बिहार में एक लाख 25 हजार प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बड़ी खबर है। पटना हाईकोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए गुरुवार को नेशनल ब्लाइंड फेडरेशन और अन्य की याचिकओं पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को दिव्यांग उम्मीदवारों को आवेदन देने के लिए 15 दिनों की मोहलत देने की मांग मान ली है। इसके बाद मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी, इसी के आधार पर शिक्षकों की बहाली की जाएगी। बता दें कि दिव्यांगों को इसी चार प्रतिशत आरक्षण को लेकर कोर्ट में मामला फंसा था। सुनवाई पर फैसला आने तक कोर्ट ने एक लाख 25 हजार प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। राज्य में शिक्षकों की बहाली के लिए पिछले साल प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन दिव्यांग उम्मीदवारों को 4 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले पर बहाली रुक गई थी। महाधिवक्ता ने कोर्ट से इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए अनुरोध किया था।
बता दें कि बिहार सरकार ने दिव्यांग उम्मीदवारों को चार प्रतिशत आरक्षण देकर प्रविधानों का पालन किया और उसके मुताबिक पूरी चयन प्रक्रिया शुरू की गई है। लगभग सवा लाख अभ्यर्थियों की कुल रिक्तियों पर चार प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, लेकिन पूर्व के स्थगन आदेश के कारण अंतिम चयन सूची अधिसूचित नहीं की जा सकी।गौरतलब है कि दिव्यांग अभ्यर्थियों को चार प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर ब्लाइंड एसोसिएशन ने याचिका दायर की थी। इसके तहत दिव्यांग अभ्यर्थियों को चार प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की गई थी। इसी के बाद पटना हाई कोर्ट ने फैसला होने तक एक लाख 25 हजार प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति रोक दी थी। मिली जानकारी के अनुसार शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच ऑनलाइन कराई जाएगी। इससे समय की बचत होगी। एक माह के अंदर शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच कराकर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करा लेने की तैयारी हो रही है।