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हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से पूछा, कैसे होगी कोरोना की तीसरी लहर से महिला पुलिसकर्मियों की सुरक्षा?

नैनीताल. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने महिला पुलिसकर्मियों की संभावित तीसरी लहर में सुरक्षा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. साथ ही तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. दरअसल किच्छा उधमसिंह नगर निवासी सुभाष तनेजा की जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई थी. इसमें कहा है कि विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण होने की संभावना जताई गई है. पुलिस विभाग में कार्यरत गर्भवती महिलाएं, पांच साल तक के बच्चों की मां को खतरा हो सकता है. याचिका में इस दायरे में आने वाली महिला पुलिसकर्मियों को संभव होने पर अवकाश पर भेजने,  फील्ड के बजाय ऑफिस ड्यूटी या वर्क फ्रॉम होम देने के निर्देश देने की मांग की गई है. अगली सुनवाई आठ जुलाई को होगी.

तीन जिलों में ऑफलाइन सुनवाई के निर्देश भी जारी

उधर, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 14 जून से तीन जिले चम्पावत,रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी की जिला अदालतों में कामकाज कोविड नियमों का पालन करते हुए सामान्य रूप से शुरू करने के निर्देश दिए हैं . जबकि राज्य के शेष 10 जिलों में अदालती कामकाज वर्चुवल माध्यम से ही कामकाज करना होगा. हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धनन्जय चतुर्वेदी की ओर से शनिवार को जारी अधिसूचना में जिन तीन जिलों में अदालती कामकाज भौतिक रूप से शुरू होना है उन जिलों के लिये व्यापक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. इसमें कोविड दिशा निर्देशों का पालन करना, कोर्ट परिसर को नगरपालिका के माध्यम से सेनिटाइज करने का निर्देश भी दिया गया है. दरअसल कोरोना की दूसरी लहर के बाद से ही जिला अदालतों के साथ हाई कोर्ट में भी ऑनलाइन ही सुनवाई की जा रही है, लेकिन अब तीन जिला अदालतों में भौतिक सुनवाई के निर्देश जारी किए हैं.

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Author: nirbhiknazar

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