देहरादून: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कहा कि दोनों टीएसआर (त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत) भले आदमी हैं, लेकिन भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने दोनों को चौराहे पर ला छोड़ा है। हरीश रावत ने कहा कि इससे बड़ा झूठ क्या हो सकता है कि कोरोना संक्रमण की वजह से उपचुनाव नहीं हो सकते और संविधानिक बाध्यता के कारण मुख्यमंत्री इस्तीफा दे रहे हैं। वास्तविकता यह है इसी कोरोनाकाल में सल्ट में भी उपचुनाव हुआ। मुख्यमंत्री वहां से भी चुनाव लड़ सकते थे। कहीं और से किसी विधायक का इस्तीफा करवाकर भी चुनाव लड़ सकते थे। कानून की पूरी जानकारी न होने और मुगालते में रहने के कारण राज्य के ऊपर एक और मुख्यमंत्री थोप दिया गया। पांच साल में भाजपा तीन मुख्यमंत्री उत्तराखंड को दे रही है।
उत्तराखंड भाजपा ने अपने दो नेताओं की स्थिति हास्यास्पद कर दी। दोनों ही भले आदमी हैं। त्रिवेंद्र को बजट सत्र के बीच में बदलने का निर्णय लिया गया। तीरथ सिंह की स्थिति उनके अपने बायानों ने और बचीखुची कसर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उनके चुनाव लड़ने के निर्णय पर फैसला ने लेने के कारण हास्यास्पद बन गई। दोनों अब मजाक के पात्र बनकर रह गए। लोग कह रहे हैं, जब हमारे मुख्यमंत्री को इसी बात का ज्ञान नहीं था कि मुझे कब चुनाव लड़कर विधानसभा में पहुंचना है तो यह व्यक्ति हमारा क्या कल्याण करेगा।
वर्तमान मुख्यमंत्री एक हास्यास्पद मुख्यमंत्री बनकर रह गए। मुख्यमंत्री ने पहले अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस्तीफा दिया, फिर राज्यपाल को। भाजपा ने इन लगभग साढ़े चार सालों में राज्य को केवल बेरोजगारी दी। अर्थव्यवस्था छीन-बिन कर दी। विकास के काम ठप पड़े हैं। कानून व्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ाई हुई है। कोरोना को नियंत्रित करने में राज्य सरकार पूरी तरह से फेल हुई है। टेस्टिंग घोटाले की वजह से हमारे राज्य की साख को बट्टा लगा है। भाजपा को आगामी चुनाव में इन सब सवालों का जवाब देना पड़ेगा, चाहे वह किसी को भी मुख्यमंत्री बना दे।