रुद्रप्रयाग: जहां पूरा देश कोरोनाकाल में स्वास्थ्य सेवा की बदहाली के लिए परेशान रहा. वहीं, रुद्रप्रयाग के ग्रामीणों ने अब अस्पताल की मांग को लेकर 13 दिन से क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है. मांग पूरी नहीं हुई तो आत्मदाह के लिए तैयार है. रूद्रप्रयाग जिले का उखीमठ विकास खण्ड़ का त्रियुगीनारायण गांव के ग्रामीण अस्पताल की मांग को लेकर पिछले 13 दिन से क्रमिक अनशन पर बैठे हैं. उनकी एक मात्र मांग हैं कि हमे त्रियुगीनारायण में अस्पताल चाहिये. त्रियुगीनारायण देश का एक ऐसा स्थान हैं जहां धार्मिक पर्यटन से लेकर पर्यटन गांव 13 डिस्टिक 13, 13 डेस्टिनेशन में त्रियुगीनारायण में आज भी तीन युगों से धूनी जल रही है.
दावा के लिए जना पड़ता है 30 किलोमीटर दूर
सैकेडों लोग विवाह के बंधन में बधने के लिए इस धार्मिक स्थान पर आते रहते है. पर्यटकों का जमवाड़ा हमेशा रहता है. लेकिन स्वास्थ्य सेवा न होने के कारण यहां लोग बहुत परेशान रहते है. अगर कोई बीमार हो गया तो उसे एक गोली के लिए 30 किलोमीटर दूर फाटा या रूद्रप्रयाग जाना पड़ता हैं. हमेशा यहां पर हजारों की संख्या में पर्यटक आते रहते हैं. लेकिन, स्वास्थ्य सेवा की बदहाली के कारण ग्रामीणों से लेकर आम लोग परेशा हो जाते है.
ग्रामीणों ने सरकार पर लगाया यह आरोप
ग्रामीणों ने उत्तराखण्ड़ सरकार पर आरोप लगाया कि जब हम उत्तर प्रदेश में थे तो उत्तरप्रदेश सरकार ने हमे अतिरिक्त स्वास्थ्य ईकाई की व्यवस्था की थी. लेकिन, आज छोटा प्रदेश बनने के बाद अतिरिक्त ईकाई पर भी ताले लगा दिये है. जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी तब तक हम आन्दोलनरत रहेगें.
जारी रहेगा आंदोलन
जिला प्रशासन द्धारा आन्दोलन खत्म करने के लिए तहसीलदार उखीमठ को भेजा था. जिसमें ग्रामीणों ने एक ज्ञापन देकर तहसीलदार को खाली हाथ लौटा दिया और जिला प्रशासन और राज्य सरकार के विरोध में नारे बाजी की और मांग की जब तक अस्पताल की लिखित आश्वासन नहीं मिलेगा तब तक आन्दोलन समाप्त नहीं किया जायेगा. हम केवल स्वास्थ्य सुविधा मांग रहे है. हम शिक्षा, सडक अन्य कोई अतिरिक्त मांग नहीं कर रहे हैं.