न्यूज़ डेस्क: नाग पंचमी पर्व शुक्रवार को मनाया जा रहा है। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता (प्रतीकात्मक) को दूध अर्पित करने व दूध से स्नान कराने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी नाग पंचमी के दिन विशेष पूजन करना शुभ माना गया है। सावन मास की शुक्ल पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से आध्यात्मिक शक्ति, अपार धन और मन इच्छा फल की प्राप्ति होती है। आचार्य डॉक्टर सुशांत राज ने बताया की नाग पंचमी पर इस साल दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। राहु-केतु और काल सर्प दोष से जुड़े ये महासंयोग 108 साल बाद बन रहे हैं।
नाग पंचमी पर इस बार योग उत्तरा और हस्त नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है। इस दिन काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए परिगणित और शिन नामक नक्षत्र भी लग रहा है। मेष, वृषभ, कर्क और मकर राशि के जातकों को धन लाभ मिलने की संभावना है।
नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त :
पंचमी तिथि प्रारंभ – 12 अगस्त 03:24 बजे
पंचमी तिथि समाप्त- 13 अगस्त 01:42 बजे
नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त- 13 अगस्त, सुबह 05:4 9से सुबह 08:27 बजे
नाग देवता की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं
नाग पंचमी के दिन शुभ योग बनने से जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष है उनके लिए यह पर्व बहुत ही शुभ रहेगा। मान्यता है नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती है। नाग पंचमी के अवसर पर की जाने वाली पूजा से राहु-केतु के बुरे प्रभाव एवं कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। नाग देवता की पूजा के साथ भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। नाग पंचमी के दिन चांदी धातु से निर्मित नाग-नागिन का जोड़ा बनवाएं और उसका पूजन करने के पश्चात् बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। यदि आपको नाग पंचमी पर सपेरा दिखे तो उससे नाग या जोड़ा पैसे देकर जंगल में छुड़वाएं। इस उपाय को करने से आपको कालसर्प दोष से मुक्ति मिलेगी।
यदि संभव हो सके तो नाग पंचमी के दिन किसी ऐसे शिव मंदिर में जहां शिवजी पर नाग नहीं हो वहां प्रतिष्ठित करवाएं। इस उपाय को करने से आपको नाग देवता का आशीर्वाद प्राप्त होगा। चंदन की लकड़ी के बने 7 मौली शिव मंदिर में चढ़ाएं। शिवजी को चंदन की लकड़ी या चंदन का इत्र चढ़ाएं और नित्य स्वयं लगाएं। ऐसा करने से आपको भगवान शिव का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। नाग पंचमी के दिन किसी शिव मंदिर में साफ-सफाई जरूर करें। यदि संभव हो तो शिव मंदिर में किसी तरह का नवनिर्माण करा सकते हैं अथवा मंदिर की मरम्मत या उसकी पुताई आदि का भी कार्य करा सकते हैं। नाग पंचमी के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंगि पर विजया, अर्क पुष्प, धतूर पुष्प, फल चढ़ाएं तथा दूध से रुद्राभिषेक करवाएं।