देहरादून: संशोधित सुनिश्चित करियर प्रोन्नयन (एमएसीपी) योजना में संशोधन समेत कार्मिकों के वेतन विसंगतियों के प्रकरण का जल्द समाधान हो सकेगा। इस संबंध में गठित समिति को नए अध्यक्ष मिल गए हैं। सरकार ने समिति का अध्यक्ष पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह को बनाया है। समिति को सात बिंदुओं पर जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है।
कार्मिकों के असंतोष को साधने की चुनौती
प्रदेश में एमएसीपी, वेतन विसंगति समेत विभिन्न प्रकरणों पर कार्मिकों के रोष को देखते हुए पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडेय की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की थी। समिति के काम संभालने से पहले ही पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडेय ने नया पदभार लेने में असमर्थता जता दी। पांडेय को वित्त का विशेषज्ञ माना जाता है। पांडेय के इन्कार के बाद सरकार ने नए अध्यक्ष की तलाश तेज की। यह तलाश अब पूरी हो गई। पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह को यह जिम्मेदारी दी गई है।
त्वरित फैसले के लिए जाने जाते हैं शत्रुघ्न
समिति में अन्य सदस्यों में अपर सचिव वित्त अमिता जोशी, अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान एवं वित्त विभाग के एक अन्य अपर सचिव भी शामिल हैं। समिति के सामने सबसे बड़ी चुनौती कार्मिक संगठनों में वेतन विसंगति से उपजे रोष को शांत करने की है। कार्मिक संगठन पूर्व मुख्य सचिव के बजाय मौजूदा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित करने की मांग कर रहे थे। हालांकि शत्रुघ्न सिंह को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद संगठनों के रुख में बदलाव दिखाई दे सकता है। वह त्वरित फैसला लेने वाले उच्चाधिकारियों में शुमार रहे हैं।
राज्य की वित्तीय क्षमता का आकलन कर देनी है रिपोर्ट
शत्रुघ्न समिति वेतन विसंगतियों को दुरुस्त करने के बारे में रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी। राज्य की आर्थिक दशा, संसाधनों व वित्तीय क्षमता का आकलन करते हुए समिति को यह चुनौतीपूर्ण कार्य करना है। सरकार ने समिति के कार्यों के संचालन के लिए एक आशुलिपिक, एक कंप्यूटर आपरेटर व दो अनुसेवक के पद स्वीकृत किए हैं। इनकी नियुक्ति आउटसोर्स के माध्यम से होगी। उन्हें उपनल की दरों पर भुगतान किया जाएगा।
कार्मिकों से संबंधित इन बिंदुओं पर समिति को सौंपनी है रिपोर्ट:
- वेतन विसंगति के प्रकरण
- एसीपी व एमएसीपी से संबंधित विसंगतियों का परीक्षण
- वेतन-भत्तों का पुनरीक्षण
- समान वेतनमान-पदनाम के पदधारकों के लिए कामन सेवा नियमावली बनाना
- एमएसीपी की व्यवस्था में संशोधन का प्रस्ताव
- राज्य कर्मचारियों की विभिन्न मांगों के संबंध में परीक्षण के बाद संस्तुति
- शासन से संदर्भित किए जाने वाले बिंदु।