देहरादून: पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल ने चुनावी साल में कमजोर वर्गों को राहत देने को सोमवार को अहम फैसले लिए हैं। राज्य के नगर निकायों में 582 मलिन बस्तियों में रहने वाले करीब आठ लाख व्यक्तियों को राहत दी है। बस्तियों में अगले तीन साल यानी 2024 तक अतिक्रमण नहीं हटाया जाएगा। मंत्रिमंडल ने इस अहम फैसले पर मुहर लगाई। राज्य में निवासरत बंगाली समुदाय के व्यक्तियों के जाति प्रमाणपत्र में पूर्वी पाकिस्तान अंकित नहीं किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने पूर्वी पाकिस्तान शब्द हटाने का निर्णय किया है। मंत्रिमंडल ने विधानसभा के मानसून सत्र में पेश करने के लिए 5300 करोड़ के अनुपूरक बजट को हरी झंडी दिखाई है।
सचिवालय में सोमवार शाम मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में 21 प्रस्ताव रखे गए। इनमें से 20 प्रस्तावों को मंजूरी मिली है। विधानसभा सत्र आहूत होने से मंत्रिमंडल के फैसलों को ब्रीफ नहीं किया गया। सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल ने राज्य के 63 शहरी निकायों में मौजूद मलिन बस्तियों में अतिक्रमण हटाने पर रोक के फैसले को आगे बढ़ा दिया। इसे पहले तीन साल के लिए यानी 2021 तक बढ़ाया गया। अब यह अवधि 2024 तक बढ़ाने का निर्णय किया गया। अगले विधानसभा चुनाव के लिहाज से सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है।
बंगाली समुदाय की मुराद पूरी
मंत्रिमंडल ने पूर्वी पाकिस्तान के विस्थापित बंगाली समुदाय के व्यक्तियों की बड़ी मुराद पूरी कर दी। इस समुदाय के लोग बड़ी संख्या में ऊधमसिंह नगर जिले में रहते हैं। पूरे राज्य में इनकी आबादी तकरीबन पौने तीन लाख है। मंत्रिमंडल ने तय किया है कि इस समुदाय के जाति प्रमाणपत्र में अब पूर्वी पाकिस्तान शब्द का प्रयोग नहीं किया जाएगा। इसके स्थान पर पूर्वी बंगाल से विस्थापित शब्द का अंकन किया जाएगा।
विधवा महिलाओं को बड़ी राहत
प्रदेश में विधवाओं को राहत देने का महत्वपूर्ण फैसला मंत्रिमंडल ने लिया है। अनुसूचित जाति, जनजाति और सामान्य वर्ग की विधवा महिलाओं की बेटियों की शादी के लिए दी जाने वाली आर्थिक मदद में अब आय सीमा बढ़ाने का निर्णय किया गया। अब चार हजार रुपये मासिक यानी सालाना 48 हजार या इससे नीचे आमदनी वाली विधवा महिलाओं को बेटियों की शादी के लिए मदद मिल सकेगी। इससे पहले ग्रामीण क्षेत्रों की विधवा महिलाओं के लिए 15976 रुपये, शहरी क्षेत्र में 21206 रुपये और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं के लिए 12 हजार रुपये सालाना आमदनी की व्यवस्था रखी गई थी। अब सभी वर्गों की 48 हजार रुपये तक सालाना आमदनी वाली विधवा महिलाओं को आर्थिक मदद मिल सकेगी।
- डेयरी विकास अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया गया।
- बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कमेटी के गठन पर सहमति, नौ सरकारी कार्यालयों के 22 भवनों को ध्वस्त करने का निर्णय।
- उत्तराखंड सरकारी नगर निकायों में मलिन बस्तियों के अतिक्रमण हटाने के लिए 3 साल तक नहीं लिया गया निर्णय, 3 साल और बढ़ाया गया 2024 तक।
- राजकीय नॄर्सिंग कॉलेज बाजपुर में 70 पदों को सृजित करने को स्वीकृति।
- हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय का नया नामकरण महाराजा अग्रसेन हिमालय गढ़वाल विश्वविद्यालय करने को मंजूरी।
- सिंचाई विभाग में मेट को समूह गौ सेवा नियमावली में सम्मिलित किया गया।
- राज्य विश्वविद्यालयों में अस्थायी शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने का निर्णय, अब मिलेगा 35000 रुपये मासिक।
- फ्लोटिंग सोलर पावर यूनिट उधम सिंह नगर में लगाने का 200 मेगावाट का फैसला वापस, मत्स्य पालन होगा।
- उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में समीक्षा अधिकारी वैयक्तिक सहायक मिलन सेवा नियमावली को स्वीकृति।
- जोशीमठ में बनने वाले 70 एमएलडी एसटीपी प्लांट के निर्माण के लिए जमीन खरीदने की मंजूरी।
- 2021-22 में राज्य में शराब की 25 दुकाने नहीं बिकी थी उनका अधिभार 50 फीसद करने को मंजूरी।
- कोविड-19 के कारण परिवहन निगम की माली हालत को देखते हुए 17 करोड़ की राशि रोडवेज को देने को स्वीकृति।
- बेटियों की शादी के लिए आर्थिक मदद को विधवा महिलाओं की आय सीमा बढ़ाकर 48 हजार रुपये करने को हरी झंडी।
- वाणिज्यिक विवादों के निपटारे के लिए हल्द्वानी में वाणिज्यिक न्यायालय के गठन पर मुहर।
- करीब 5300 करोड का अनुपूरक बजट विधानसभा सत्र में रखने को मंजूरी।