पटना: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया है कि ग्रेस मार्क्स से मैट्रिक में सफलता प्राप्त करने वाले छात्रों से बकाया शुल्क लेकर ही प्रमाणपत्र एवं अंक पत्र निर्गत करें। जिन छात्रों का पंजीयन शुल्क या आवेदन शुल्क बाकी है, उन्हें शुल्क लेकर ही प्रमाणपत्र देने की व्यवस्था की जाए। बोर्ड ने प्रधानाध्यापकों को भी चेताया है कि अगर बिना शुल्क लिए किसी छात्र को प्रमाणपत्र या अंक पत्र दिया जाता है, तो उसके लिए वे जिम्मेदार होंगे।
कोरोना संक्रमण के कारण नहीं ली गई थी कंपार्टमेंटल परीक्षा
मालूम हो कि इस वर्ष बोर्ड द्वारा कोरोना संक्रमण के मद्देनजर मैट्रिक की कंपार्टमेंटल परीक्षा नहीं आयोजित की गई। ऐसे में बोर्ड ने छात्र हित में दो विषयों में असफल छात्रों को ग्रेस मार्क्स देकर सफल घोषित कर दिया था। उन छात्रों का अंक पत्र भी स्कूलों को भेज दिया गया है।
परीक्षा शुल्क, अंक-पत्र और टीसी के नाम पर अवैध वसूली को ले हंगामा
इधर, भोजपुर जिले के राम करण शौंडिक उच्च विद्यालय पवना में छात्रों से लगातार हो रही कथित अवैध वसूली को लेकर अभिभावकों ने विद्यालय प्रांगण में हंगामा किया। युवा छात्र नेता अप्पू कुमार ने बताया कि कभी परीक्षा फार्म भरने के नाम पर, तो कभी अंक-पत्र के नाम पर लगातार एक ही छात्र से बार-बार अवैध राशि वसूली की जाती हैं। जिसके कारण छात्रों को काफी परेशानी हो रही है। कुछ लड़के आवेश में आकर लगातार हंगामा भी कर रहे हैं। लेकिन शिक्षक छात्रों की बात नहीं मान रहे हैं। इस बावत पवना पंचायत के युवा नेता अप्पु कुमार, अमित कुमार, उपेंद्र यादव, दिलशाद आलम, राकेश कुमार और सैकड़ों छात्र विद्यालय प्रभारी से मिलने पहुंचे। पर, विद्यालय प्रभारी से संपर्क नहीं होने के कारण मामला स्पष्ट नहीं हो सका।