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UPSC RESULT: मेन रिज़ल्ट मे भगवानपुर की सदफ चौधरी की 23 वीं रैंक, ऊधमसिंह नगर की वरुणा अग्रवाल सहित इन होनहारों ने दिखाया दम

देहरादून : संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में उत्तराखंड के युवाओं का डंका बजा है। भगवानपुर की सदफ चौधरी ने परीक्षा में 23वीं रैंक हासिल की है। संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा-2020 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है, जिसमें हर बार की तरह इस बार भी प्रदेश के होनहारों ने खुद को साबित किया है। तमाम चुनौतियों और अड़चनों से पार पाकर उन्होंने अपनी कामयाबी का लोहा मनवाया। ऊधमसिंह नगर की वरुणा अग्रवाल ने परीक्षा में 38वीं रैंक हासिल की है। वहीं नैनीताल की शैलजा पांडे ने 61वीं, हरिद्वार के उत्कर्ष तोमर ने 172वीं, रामनगर के देवांश पांडे ने 201वीं, बागेश्वर के कांडा तहसील के भतोड़ा गांव निवासी सिद्धार्थ धपोला ने 293वीं और रानीखेत के जनौली गांव निवासी तुषार मेहरा ने 306वीं रैंक हासिल की है।

सदफ़
सदफ़

बेटी ने बढ़ाया मान, 23वीं रैंक प्राप्त कर लहराया परचम

हरिद्वार जिले की भगवानपुर तहसील के मोहितपुर गांव निवासी सदफ चौधरी ने 23वीं रैंक प्राप्त कर सफलता का परचम लहराया है। उन्होंने दिल्ली में रहकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की। सदफ के पिता मोहम्मद इसरार ने उत्तरप्रदेश ग्रामीण बैंक में क्‍लर्क की नौकरी से अपने करियर की शुरूआत की थी। वर्तमान में वह सहारनपुर जिले के नागल में उत्तरप्रदेश ग्रामीण बैंक में शाखा प्रबंधक के पद पर तैनात हैं। वह ज्यादातर अमरोहा जिले की तहसील जोया में रहे और वहीं पर अपने तीनों बच्चों की पढ़ाई लिखाई कराई। सदफ की एक छोटी बहन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस का कोर्स कर रही हैं। वहीं छोटे भाई जेएनयू में पढ़ाई कर रहे हैं।

शैलजा
शैलजा

आइपीएस की ट्रेनिंग ले रही शैलजा बनेंगी आइएएस

ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता दीप चंद्र पांडे और बीडी पांडेय अस्पताल नैनीताल में चिकित्सक डा. शोभा पांडेय की बेटी शैलजा ने हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में जिला टाप किया था। वर्तमान में वह हैदराबाद में आइपीएस की ट्रेनिंग ले रही हैं। मूल रूप से मझेड़ा (प्रेमपुर) गरमपानी, नैनीताल निवासी शैलजा का परिवार वर्तमान में लोअर डांडा कंपाउंड जू रोड नैनीताल में रहता है।

उत्कर्ष
उत्कर्ष

पहले आइएफएस और अब आइपीएस

शिक्षाविद् माता-पिता की होनहार संतान उत्कर्ष तोमर ने दिल्ली पब्लिक स्कूल रानीपुर से इंटर करने के बाद कुरुक्षेत्र में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की। इसके बाद सिविल सर्विसेस की तैयारी शुरू कर दी। दूसरे प्रयास में वे आइएफएस के लिए चयनित हुए और दून में प्रशिक्षण भी लिया। उनका उद्देश्य भारतीय प्रशासनिक या पुलिस सेवा में जाने का था, इसके लिए उन्होंने दोबारा तैयारी की। तीसरे प्रयास में उनका चयन आइपीएस के लिए हुआ है। उत्कर्ष की मां डा. शशिप्रभा महिला महाविद्यालय सतीकुंड की प्राचार्य और पिता डा. तेजवीर सिंह तोमर एसएमजेएन कालेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उनकी बहन अदिति तोमर बेंगलुरू में एक मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर साफ्टवेयर इंजीनियर काम कर रही हैं। उत्कर्ष ने बताया कि आइपीएस के तौर पर उनकी प्राथमिकता रहेगी कि आम जनता पुलिस को अपना दोस्त समझे। पुलिस जनता में दोस्त वाली छवि बनाए। उन्होंने बताया कि वह उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में काम करना चाहते हैं, यही कैडर उनकी प्राथमिकता होंगे।

सिदार्थ
सिदार्थ

सिद्धार्थ ने सपने को बनाया हकीकत

बागेश्वर के कांडा तहसील के भतोड़ा गांव निवासी सिद्धार्थ धपोला ने तीसरे प्रयास में परीक्षा उत्तीर्ण की। लेकिन इस बार भी वह बेहतर रैंक हासिल नहीं कर सके। 2018 में उन्होंने परीक्षा 255वीं रैंक के साथ क्वालीफाई की थी। उन्हें तब आइआरएस मिला। फिर 2019 की परीक्षा में उनकी रैंक में सुधार हुआ है। उनकी रैंक 163वीं रही। उन्हें आइपीएस मिला। इस बार उनकी रैंक 293 रही।

वरुणा
वरुणा

महिला सशक्तीकरण को काम करेंगी वरुणा

सिविल सेवा परीक्षा में 38वीं रैंक हासिल करने वाली वरुणा का कहना है कि शिक्षा व महिला सशक्तीकरण उनकी प्राथमिकता होगी। नैनीताल रोड रुद्रपुर निवासी वरुणा ने जेसीज स्कूल से वर्ष, 2013 में इंटरमीडिएट में विज्ञान वर्ग में 95.4 फीसद अंक प्राप्त कर स्कूल में टाप किया था। इसके बाद वह पुणो में कानून की पढ़ाई करने चली गईं और वर्ष 2018 में कानून में स्नातक की डिग्री ली। दिल्ली में आइएएस की एक साल कोचिंग कर घर से ही तैयारी करने लगीं। तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की है।

तुषार
तुषार

तुषार मेहरा ने पहले ही प्रयास में पाई सफलता

अल्मोड़ा के रानीखेत के जनौली गांव निवासी तुषार मेहरा ने पहले ही प्रयास में महज 23 वर्ष में ही परीक्षा पास कर ली। तुषार का परिवार अभी न्यू आवास विकास हल्द्वानी में रह रहा है। तुषार ने आर्मी स्कूल रानीखेत से इंटर करने के बाद आइआइटी रुड़की से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। उनके पिता गोविंद सिंह मेहरा प्रवक्ता पद से रिटायर्ड हैं। मां शोभा मेहरा गृहणी हैं। तुषार ने अपनी सफलता का श्रेय बहन चेतना को दिया है। चेतना नेट, जेआरएफ निकालने के बाद कुमाऊं विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही हैं। रैंक को लेकर असंतुष्ट तुषार ने कहा कि वह फिर से यूपीएससी की तैयारी करेंगे।

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Author: nirbhiknazar

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