कुरुक्षेत्र: ईयर फोन के ज्यादा प्रयोग करने से युवा टिनिटस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। इस बीमारी में मरीज के कानों में सैं…सैं… की अजीबोगरीब आवाजें गूंजती है, जो न तो उन्हें ठीक से सोने देती है और न ही कुछ और काम में ध्यान लग पाता है। सबसे चौकाने वाली बात तो यह है कि एलएनजेपी अस्पताल की नाक-कान-गला विशेषज्ञ की ओपीडी में इस बीमारी के मरीज पहले जहां महीने में एक-दो आते थे अब हर रोज दो से तीन केस आ रहे हैं। वह भी बिना किसी बहरापन्न या किसी बीमारी के। पहले बड़ी उम्र के लोगों में यह रोग हुआ करता था। अब विशेषज्ञ भी इस बीमारी को लेकर चिंतित हैं।
100 में से हो रहे दो ठीक
इसमें भी चिंता करने वाली बात यह है कि 100 में से दो ही मरीज ठीक हो पा रहे हैं। चिकित्सकों के पास इसकी कोई सटीक दवाएं नहीं हैं। मगर चिकित्सक जो दवाएं दे रहे हैं वे भी 100 मरीजों में से दो पर काम कर रही हैं।
युवा ईयरफोन का ज्यादा प्रयोग न करें : डा. विक्रम
एलएनजेपी अस्पताल में नाक-कान-गला रोग विशेषज्ञ डा. विक्रम के मुताबिक यह बहुत चिंता की बात है कि युवाओं में यह बीमारी मिल रही है। पहले एक माह में दो तीन केस ही ओपीडी में आते थे वह भी बुजुर्गों में पाए जाते थे। अब मेरे पास हर दिन दो तीन टिनिटस के केस ओपीडी में आ रहे हैं। जबकि न तो उन्हें पहले कोई कानों से संबंधित बीमारी होती और न ही बहरापन्न। अब यह बीमारी युवाओं में मिल रही है। ईयर फोन के लगातार प्रयोग से युवाओं को यह बीमारी अपनी चपेट में रही है। इस बीमारी की सबसे चिंता करने वाली बात यह है कि 100 में से दो ही मरीज दवाओं से ठीक हो पा रहे हैं। ऐसे में युवाओं से अपील है कि वे ईयर फोन का ज्यादा प्रयोग न करें।