रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में उग्रवादी संगठनों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हो रही है। इससे राज्य में उग्रवादियों की उपस्थिति मुख्य रूप से चार स्थानों पारसनाथ पहाड़, बूढ़ा पहाड़, सरायकेला-खूंटी-चाईबासा जिले का ट्राइ जंक्शन, कोल्हान क्षेत्र तथा बिहार सीमा के कुछ इलाके तक सीमित रह गई है। इन स्थानों से भी वामपंथी उग्रवाद का सफाया हो जाएगा। नक्सल विरोधी अभियान में राज्य और केन्द्र सरकार के बीच बेहतर समन्वय रहेगा। हम सब मिलकर नक्सलियों के खिलाफ युद्ध जीतेंगे। ये बातें उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ रविवार को दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद पर आयोजित बैठक में कही। इस बैठक में नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है।
तीन घंटे चली बैठक
करीब तीन घंटे तक चली बैठक में शाह ने कहा, सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए कटिबद्ध है। नक्सलवाद की समस्या से पूरी तरह निजात पाए बगैर प्रभावित राज्यों का पूर्ण विकास संभव नहीं है। बैठक में नक्सल प्रभावित दस प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों में से छह ही पहुंचे। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल नहीं हुए।
नक्सली वारदात घंटे
बैठक में मुख्यमंत्री ने बताया कि झारखंड में वर्ष 2016 में 195 उग्रवादी घटनाएं हुई थीं। यह संख्या 2020 में 125 रह गयी है। वर्ष 2016 में उग्रवादियों द्वारा 61 लोगों की हत्या की गयी थी जबकि 2020 में यह संख्या 28 रही है। इस अवधि में कुल 715 उग्रवादी गिरफ्तार हुए और मुठभेड़ में 18 उग्रवादी मारे गए।
मुख्यधारा में लाने का प्रयास तेज
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2020 तथा 2021 के अगस्त तक 27 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। राज्य की आकर्षक आत्मसमर्पण नीति का प्रचार-प्रसार हो रहा है। कम्युनिटी पुलिसिंग के द्वारा भटके युवाओं को मुख्य धारा में लाने का प्रयास हो रहा है। राज्य सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में युवाओं के लिए सहाय योजना लेकर आ रही है।
केंद्रीय बलों के लिये राशि मांगना व्यावहारिक नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति के बदले राज्यों से राशि मांगना व्यावहारिक नहीं है। इस मद में गृह मंत्रालय ने झारखंड को अबतक 10 हजार करोड़ का बिल दिया है। सीएम ने इन बिलों को खारिज करने और भविष्य में इस तरह का बिल नहीं लेने के निर्णय का आग्रह किया।
दिल्ली में गृह मंत्री की अध्यक्षता में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में भाग लिया। बैठक में प्रभावित क्षेत्रों में योजनाओं के बंद होने, केंद्रीय सहायता में कटौती, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा आदि मुद्दों को उठाया।
हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री