देहरादून: केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए शुक्रवार (06 नवंबर) को सुबह 8 बजे के बाद बंद कर दिए गए हैं। केदारनाथ धाम के कपाट को बंद करने की प्रक्रिया शुक्रवार सुबह 6:00 बजे से शुरू हुई और 8 बजे बंद कर दिए गए। उसी दौरान केदारनाथ थाम कपाट डोली उत्सव भी निकाला गया। शीतकाल में रिकॉर्ड श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम के दर्शन किए। रिपोर्ट के मुताबिक 2 लाख 39 हजार श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम के दर्शन किए हैं। केदारनाथ धाम कपाट बंद से ठीक एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ दर्शन करने गए थे। उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने केदारनाथ मंदिर के कपाट 17 मई 2021 को खोले थे। 14 मई भगवान शिव की मूर्ति को ऊखीमठ के ओंकारेश्वर में अपने शीतकालीन निवास से बाहर लाया गया था। केदारनाथ मंदिर 17 मई को सुबह 5 बजे भक्तों के लिए खोल दिए गए थे। पिछले साल 16 नवंबर 2020 को भक्तों के लिए केदारनाथ धाम बंद कर दिए गए थे।
केदारनाथ मैनेजमेंट की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भैया दूज सुबह 8 बजे शीतकाल के केदारनाथ धाम के कपाट बंद हुए है। सेना के बैंड बाजों की भक्तिमय धुनों के साथ कपाट बंद होने के बाद पंचमुखी विग्रह मूर्ति विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान शिव की मूर्ति विराजमान की जाएगी। बता दें कि केदारनाथ में बर्फ जमी हुई है और सर्दी बहुत अधिक है। वहीं, उत्तराखंड के चारधामों में गंगोत्री धाम के कपाट 4 नवंबर शीतकाल हेतु बंद कर दिए गए हैं। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट शुक्रवार को बंद किए जाएंगे। वहीं 20 नवंबर को भगवान बदरीविशाल के कपाट शीतकाल हेतु बंद होंगे। भगवान मद्महेश्वर जी के कपाट 22 नवंबर को बंद किए जाएंगे। वहीं 25 नवंबर को उखीमठ में मद्महेश्वर मेला लगेगा।
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उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने केदारनाथ मंदिर के कपाट 17 मई 2021 को खोले थे। 14 मई भगवान शिव की मूर्ति को ऊखीमठ के ओंकारेश्वर में अपने शीतकालीन निवास से बाहर लाया गया था। केदारनाथ मंदिर 17 मई को सुबह 5 बजे भक्तों के लिए खोल दिए गए थे।