देहरादून: आप सीएम उम्मीदवार कर्नल कोठियाल ने देवस्थानम बोर्ड का भंग होना तीर्थ पुरोहितों और हक हकूक धारियों की बडी जीत बताया है। उन्होंने सभी तीर्थ पुरोहितों को बोर्ड भंग होने की बधाई देते हुए बताया कि देवस्थानम बोर्ड जबरन बनाया गया बोर्ड था जो सरकार की मंशा पर लगातार प्रश्न चिन्ह लगा रहा था । उन्होंने बताया कि यह लोकतंत्र की जीत है। अहंकार पर सत्य की जीत है। जिसके लिए सभी तीर्थ पुरोहितों को बधाई।
उन्होंने टवीट करते हुए लिखा है कि
सभी तीर्थ पुरोहितों को बधाई। आपका संघर्ष रंग लाया,आपने प्रधानमंत्री ,राष्ट्रपति को अपने खून से जो चिटठी लिखी थी आज उसका हिसाब हो गया है। देवस्थानम बोर्ड को भंग कर पुष्कर धामी सरकार ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले दो सालों से देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहित समाज अपना विरोध जता रहा था। लेकिन सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगी। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस बोर्ड का अपने कार्यकाल में जबरन गठन किया। जिसका विरोध लगातार तीर्थ पुरोहित कर रहे थे और त्रिवेन्द्र रावत यहीं नहीं रुके उन्होंने तीर्थ पुरोहितों को स्वार्थी बताकर पूरे तीर्थ पुरोहित समाज का अपमान किया । कर्नल कोठियाल ने आगे बताया कि भगवान के सबसे पवित्र घर में त्रिवेन्द्र सिंह रावत को बिना दर्शन कर वापस लौटना पडा।
सभी तीर्थ पुरोहितों को बधाई।
आपका संघर्ष रंग लाया, आपने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति को अपने खून से जो चिट्टी लिखी थी आज उसका हिसाब हो गया है। देवस्थानम बोर्ड को भंग कर @pushkardhami सरकार ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है।
ये लोकतंत्र की जीत है, ये अहंकार के ऊपर सत्य की जीत है।
— Col Ajay Kothiyal, KC, SC, VSM (R.) (@ColAjayKothiyal) November 30, 2021
उन्होंने बताया कि 2500 साल से पुरानी परंपराओं पर बीजेपी सरकार ने जो कुठाराघात किया ये उसी का फल है कि आज सरकार को अपने कृत्य के लिए मजबूरन झुकना ही पडा । तीर्थ पुरोहितों ने अपने खून से चिट्ठी लिखकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजी थीं जिसका हिसाब आज पूरा हो चुका है। देवस्थानम बोर्ड पर बैकफुट में आई राज्य सरकार ने अपना अपराध आखिरकार स्वीकार कर ही लिया है।
उन्होंने आगे कहा कि तीर्थ पुरोहित भगवान और श्रद्धालुओं के बीच की अहम कडी होते हैं जो धर्म के प्रचारवाहक के रुप में भी काम करते हैं लेकिन बीजेपी सरकार ने मंदिरों पर ही अपना आधिपत्य स्थापित करना चाहा। यह सरकार का अंहकार था जो आज तीर्थ पुरोहितों के आगे चकनाचूर हो गया ।उन्होंने कहा कि जिस देश की संस्कृति हजारों वर्ष पुरानी हो उसी संस्कृति पर बेड़ियां डालने का काम इस जनविरोधी सरकार ने किया लेकिन आखिरकार आज लोकतंत्र की बडी जीत हुई है और जनविरोधी सरकार को मुंह की खानी पडी।
उन्होंने कहा,आप पार्टी शुरु से ही तीर्थ पुरोहितों का समर्थन करती आई है और आप पार्टी ने कहा था कि आप की सरकार बनते ही उनकी पहली कलम से देवस्थानम बोर्ड भंग लिखा जाएगा। जिसके लिए कर्नल कोठियाल पुरोहितों से मिलने केदारनाथ धाम पुहंचे थे और इस दौरान उन्होंने सीएम धामी से तीर्थ पुरोहितो के हक की बात करनी चाही थी लेकिन मुख्यमंत्री ने उनसे मिलने से इंकार कर दिया था। उन्होंने आगे कहा कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं है। जिस भगवान के घर तीर्थ पुरोहितो के हक की बात मुख्यमंत्री नहीं करना चाह रहे थे आज मजबूरन अपना अपराध स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री को यह बोर्ड भंग करना पडा। उन्होंने दोबारा इस बडी जीत की सभी को शुभकामनांए दी और सभी तीर्थ पुरोहितों को आश्वासन दिया कि आप पार्टी आगे भी तीर्थ पुरोहितों के हक हकूक के लिए साथ खडी रहेगी।
चुनावों में हार नजदीक देखते हुए बीजेपी ने लिया फैसला
वहीं देवस्थानम बोर्ड भंग होने पर आप प्रभारी दिनेश मोहनिया ने भी ट्वीट कर तीर्थ पुरोहितों को बधाई दी। उन्होंने कहा, तीर्थ पुरोहितों का संघर्ष आखिरकार रंग लाया, तीर्थ पुरोहितों की मांग के आगे अहंकारी सरकार को अपना फैसला वापिस लेना पड़ा उन्होंने कहा,लंबे समय से तीर्थ पुरोहित संघर्ष कर रहे थे ,आम आदमी पार्टी शुरू से उनके संघर्ष में कंधे से कंधा मिला कर हमेशा साथ खड़ी रही। आज मेहनत रंग लाई। आप प्रभारी ने कहा,बीजेपी ने चुनाव को देखते और हार सामने देखते हुए ये फैसला लिया । उन्होंने कहा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने ये फैसला लिया। कल इनकी सरकार बनती है तो ये फिर देवस्थानम बोर्ड को तीर्थ पुरोहितों पर थोप सकते हैं इसलिए इस जनविरोधी सरकार को हराना जरूरी है। इसके अलावा उन्होंने कहा,बोर्ड बनाने की वजह से लंबे समय से तीर्थ पुरोहितों को जो परेशानी हुई,उसके लिए बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री धामी को तीर्थ पुरोहितों के बीच जाकर माफी मांगनी चाहिए।