देहरादून: उत्तराखंड में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बावजूद बैकडेट पर शिक्षकों के तबादले जारी कर दिए गए हैं। शिक्षकों के बैकडेट पर समायोजन को हरिद्वार में रविवार को भी ऑफिस खोलकर बैठे प्रभारी मुख्य शिक्षाधिकारी डॉ.विद्याशंकर चतुर्वेदी और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी जोगेंद्र राणा को निलंबित करने के लिए जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने शिक्षा सचिव को संस्तुति पत्र भेज दिया है।
शिक्षा विभाग ने तबादला कानून को पूरी तरह ताक पर रख दिया है। अब तक केवल तबादला कानून के तहत गठित मुख्य सचिव समिति की सिफारिश के आधार पर इफरात में तबादले किए जा रहे थे। अब ‘उच्च स्तर’ के निर्देश पर 134 माध्यमिक शिक्षकों के बंपर तबादले कर दिए गए। दिलचस्प बात यह भी है कि कई शिक्षकों के आदेश में उनकी पोस्टिंग के लिए उन्हें छह से सात विकल्प दिए गए हैं। सभी तबादला आदेश आचार संहिता से ठीक एक दिन पहले सात जनवरी की तारीख में जारी किए जा रहे हैं। उधर, शिक्षा सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम ने इस संबंध में बताया कि रविवार होने के कारण हरिद्वार के प्रकरण में अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सोमवार को कार्यालय खुलने पर मामले को देखा जाएगा।
सचिवालय से अब तक जारी सभी तबादला आदेश सात जनवरी की तारीख में जारी हुए हैं। सूत्रों के अनुसार निदेशालय भी बैक डेट से ही आदेश जारी कर रहा है। इस बीच रविवार का अवकाश होने की वजह से माध्यमिक शिक्षकों के निदेशालय स्तर से आदेश जारी नहीं हो पाए हैं। आचार संहिता लगने की वजह से तबादला होने के बावजूद शिक्षकों को कार्यमुक्त होने और नए स्कूल में ज्वाइनिंग की प्रक्रिया अब आसान नहीं रही। नई ज्वाइनिंग के लिए चुनाव आयेाग से अनुमति लेना जरूरी होगा।
शिक्षकों के तबादले होने चाहिए, लेकिन पिक एंड चूज भी नहीं होना चाहिए। यदि सरकार को तबादले करने ही थे तो फिर भला तबादला सत्र को शून्य क्यों रखा गया? यदि प्रक्रिया सामान्य रूप से होती तो अनिवार्य तबादलों में ज्यादा शिक्षकों का लाभ मिल सकता था। यह परंपरा अच्छी नहीं है।
डॉ. सोहन सिंह माजिला, महामंत्री-राजकीय शिक्षक संघ
राउमावि क्यारा जसोला नरेंद्रनगर के शिक्षक ऋषिपाल के तबादला करते हुए उनकी पोस्टिंग के लिए विकल्प के रूप में एक-दो नहीं बल्कि पांच स्कूलों के नाम दिए गए हैं। जीआईसी कुंडबगड़ चमोली के पंकज कुमार सती को सात स्कूलों में तबादले का विकल्प दिया गया है। जीआईसी गुरूर चमोली के दिनेश चंद्र को छह स्कूल में किसी में भी ज्वाइन करने की अनुमति मिली है। जीआईसी सलानी बागेश्वर की प्रियंका के आदेश में स्कूल की जगह देहरादून लिख दिया गया है। देहरादून के जिस भी स्कूल में पद रिक्त होगा, वहां पोस्टिंग मिलेगी।
10 साल की दुर्गम सेवा बनी आधार
जीआईसी मांडई पौड़ी की शिक्षक मनीषा खेमान का तबादले का आधार उनकी दस साल की दुर्गम सेवा को बनाया गया है। जबकि 10 साल से ज्यादा दुर्गम में सेवा करने वाले शिक्षकों की संख्या सैकड़ों में है।
विशेष पारिवारिक परिस्थिति पर तबादला
आदेश में कई शिक्षकों के तबादले का आधार विशेष परिस्थिति बताया गया है। लेकिन वह विशेष परिस्थिति क्या है, यह तथ्य छिपा लिया गया है।