देहरादून: प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 23 दलों ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं। इनमें पांच राष्ट्रीय और 18 पंजीकृत गैरमान्य दल शामिल हैं। अभी नाम वापसी के बाद दलों की स्थिति पूर्ण रूप से स्पष्ट होगी, क्योंकि कई दलों ने एक-एक प्रत्याशी ही उतारा है। निर्वाचन विभाग की ओर से अब तक जारी जानकारी के मुताबिक, पांच राष्ट्रीय दलों भाजपा, बसपा, कांग्रेस, सीपीआई और सीपीआईएम ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं। इसके अलावा, पंजीकृत गैर मान्य की श्रेणी वाले यूकेडी, पीपीआई, न्याय धर्मसभा, उत्तराखंड जन एकता पार्टी, आम आदमी पार्टी, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम), समाजवादी पार्टी, उत्तराखंड जनता पार्टी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी, भारतीय सुबाश सेना, राष्ट्रीय लोक दल, राष्ट्रवादी विकास पार्टी, राइट टू रिकॉल पार्टी, सैनिक समाज पार्टी, सत्य बहुमत पार्टी, शिरोमणि अकाली दल-ए और उत्तराखंड रक्षा मोर्चा से प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। चुनाव में बड़ी संख्या में निर्दलीयों ने भी नामांकन किया है।
- 2002 के चुनाव में कुल 28 दल थे, जिनमें छह राष्ट्रीय पार्टियां, एक राज्य पार्टी, आठ अन्य राज्यों की पार्टियां, 13 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दल शामिल थे।
- 2007 के चुनाव में 37 दलों ने अपने प्रत्याशी उतारे थे। इनमें छह राष्ट्रीय दल, 11 राज्यों की पार्टियां, 20 ऐसे दल जो पंजीकृत थे लेकिन गैर मान्य थे।
- 2012 के चुनाव में 43 दलों के प्रत्याशियों ने मैदान में दम दिखाया था। इनमें छह राष्ट्रीय पार्टियां, एक राज्य पार्टी, नौ दूसरे राज्यों की पार्टियां, 27 पंजीकृत गैर मान्य दल शामिल थे।
- 2017 के चुनाव में 34 पार्टियों ने अपने प्रत्याशी उतारे थे। इनमें छह राष्ट्रीय पार्टियां, चार अन्य राज्यों की पार्टियां और 24 ऐसे दल थे जो कि पंजीकृत लेकिन गैर मान्य थे।
2017 में छोटे-नए दलों से ज्यादा निर्दलीयों ने पाए थे वोट
2017 के विधानसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो इन दलों पर जनता का भरोसा सामने आता है। 2017 के चुनाव में छह राष्ट्रीय पार्टियों ने कुल वोटों का 87.16 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। अन्य राज्यों की पार्टियों ने 0.50 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। पंजीकृत गैर मान्य दलों ने 1.28 प्रतिशत और निर्दलीयों ने 10.04 प्रतिशत वोट हासिल किए थे।