कोटद्वार: उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में चौबट्टाखाल एक बड़ी विधानसभा सीट है। चौबट्टाखाल पौड़ी जिले में है और यह गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। चौबट्टाखाल से उत्तराखंड के हेवीवेट नेता सतपाल महाराज मौजूदा विधायक हैं। वह और राज्य सरकार में सिंचाई और पर्यटन जैसे मंत्रालय हैं। परिसीमन के बाद साल 2012 में बनी चौबट्टाखाल सीट से पहली बार तीरथ सिंह रावत बीजेपी के टिकट से चुनाव जीते। इसके बाद वर्ष 2017 में ये सीट बीजेपी के खाते में दोबारा आई और सतपाल महाराज चुनाव जीते। यानी कि पिछले दोनों विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी को सफलता मिली है। इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट से अपने प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व में जिला पंचायत अक्ष्यक्ष केसर सिंह नेगी को चुनाव मैदान में उतारा है। टिकट बंटरारे से नाखुश कांग्रेसियों को बाद में मना लिया गया और अब कांग्रेस इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी को मजबूती से टक्कर दे रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सतपाल महाराज इस सीट से दोबारा विजय हासिल कर सकते हैं। या फिर प्रदेश में तीन तीन सीएम बदलने, बढ़ती महंगाई के मुद्दे बीजेपी की राह को मुश्किल बना सकते हैं। ऊंट किस करवट बदलेगा, ये तो मतदाता ही तय करेंगे। फिर भी कहा जा सककता है कि इस सीट पर मुकाबला आसान नहीं है।
हेवीवेट सतपाल महाराज मैदान में
भाजपा नेता सतपाल महाराज उत्तराखंड की राजनीति में बड़ा चेहरा हैं। कांग्रेस से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले सतपाल महाराज ने बाद में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली। वह केंद्र में मंत्री भी रहे हैं। 125 किमी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग के सर्वे लिए उन्होंने साल 2011 में यूपीए अध्यक्ष सोनियां गांधी से नींव रखवाई थी। भले ही वह कांग्रेस में रहे हों या अब भारतीय जनता पार्टी में उनकी महाराज वाली छवि बरकरार है। राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं। बीजेपी ने लगातार दूसरी बार उन्हें चौबट्टाखाल से अपना उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस के केसर सिंह नेगी
कांग्रेस ने सतपाल महाराज के खिलाफ अपने प्रदेश उपाध्यक्ष केसर सिंह नेगी को मैदान में उतारा है। वह पूर्व में जिला पंचायत अक्ष्यक्ष भी रह चुके हैं। आम आदमी पार्टी ने यहां से अपनी यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष दिग्मोहन नेगी को टिकट दिया है। पौड़ी के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रहे केसर सिंह नेगी को पहली बार विधायकी का चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले साल जुलाई माह में उन्हें कांग्रेस में प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया था। इससे पहले से ही वह चौबट्टाखाल विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। वह लोगों से मिलते रहे। भाजपी की नीतियों के खिलाफ लोगों को जागरूक करते रहे। महंगाई, बेरोजगारी, भू-कानून के मुद्दे पर उन्होंने सरकार के खिलाफ अभियान छेड़ा हुआ था।
नाराज कार्यकर्ताओं को मनाया
टिकट आवंटन के दौरान नाराज कांग्रेस कार्यकर्ता चौबट्टाखाल विधानसभा के चुनाव कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर एकजुट दिखे। टिकट न मिलने से नाराज एआईसीसी सदस्य राजपाल बिष्ट के समर्थकों ने राजपाल बिष्ट के टिकट कटने पर विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान कई कांग्रेस के पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा भी दिया था, हालांकि इस्तीफा जिला अध्यक्ष विनोद नेगी तक नहीं पहुंचा था।
एकजुट नजर आ रहे हैं कांग्रेसी
बाद में सतपुली में चुनाव कार्यालय के उद्घाटन के दौरान नाराज कार्यकर्ता उपस्थित रहे और कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने एकजुट होकर कांग्रेस पार्टी के लिए काम करने का वादा किया। इस दौरान सामूहिक इस्तीफे की पेशकश करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता सतपुली ब्लाक अध्यक्ष कीरत सिंह, नगर अध्यक्ष सुरजन सिंह, विधानसभा यूथ अध्यक्ष रोहन नेगी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। इन सभी ने कहा कि था कि चुनाव में एकजुट होकर केशर सिंह नेगी को विजई बनाने को लेकर संकल्प लिया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि राजपाल बिष्ट के टिकट कटने पर सभी कार्यकर्ताओं ने अपनी भावनाओ के आवेश में विरोध किया था, लेकिन अब सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर कांग्रेस पार्टी के लिए कार्य कर रहे हैं और सभी कार्यकर्ताओं ने विधानसभा चुनाव में चौबट्टाखाल सीट को कांग्रेस की झोली में डालने का संकल्प लिया है।