BMS ने कोरोना के नियमों का पालन करते हुए मनाया सरस्वती पूजा का प्रोग्राम
2 गज की दूरी मास्क है जरूरी के नारे के साथ बिहारी महासभा ने मनाया सरस्वती पूजा
देहरादून : बिहारी महासभा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बसंतपंचमी के अवसर पर सरस्वती पूजा का आयोजन किया । बिहारी महासभा ने कोविड् को देखते हुए इस वर्ष भी पिछले वर्ष की भांति पूजा के स्वरूप में बदलाव किया। उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार के कोरोना गाइडलाइन का अक्षर से पालन किया गया । माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विद्या और कला की देवी सरस्वती जी की पूजा का विधान है। बसंत पंचमी से वसंतोत्सव की शुरुआत हो जाती है। ये वसंतोत्सव होली तक चलता है । इस उत्सव को मदनोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के ही दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की भी रचना की थी। इसलिए इस दिन से नए कार्यों की शुरुआत करना अच्छा माना जाता है। विशेषतौर पर कोई नई विद्या आरंभ करना, कोई नया काम शुरू करना, बच्चों का मुंडन संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार, गृह प्रवेश या अन्य कोई शुभ काम करना बड़ा ही अच्छा माना जाता है।
बिहारी महासभा के सचिव चंदन कुमार झा ने उत्तराखंड में हो रहे लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल और बिहारी अच्छे और महासभा से जुड़े सभी सदस्यों को मताधिकार का आह्वान किया। महासभा के सचिव ने कहा कि हमारे एकमत से अच्छे और बुरे प्रत्याशी चुने जाते हैं इसलिए हम सबको अपने मत का प्रयोग करना चाहिए.
वहीं बिहारी महासभा के अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि बिहारी में महासभा एक गैर राजनीतिक संगठन है लेकिन बिहारी महासभा यह आह्वान करती है कि जो प्रत्याशी समाज के हित में देश के हित में काम करते हैं उसको जरूर वोट देना चाहिए और सभी जन सामान्य को अपने मत का प्रयोग करना चाहिए।
इस अवसर पर सभा के अध्यक्ष ललन सिंह पूर्व अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ,सचिव चंदन कुमार झा उपाध्यक्ष विद्या भूषण सिंह कोषाध्यक्ष रितेश कुमार कार्यकारिणी के सदस्य आलोक कुमार सिन्हा अमरेंद्र कुमार सुरेंद्र अग्रवाल के साथ-साथ शशिकांत गिरी राजेश कुमार पूर्व अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह दिनेश कुमार, रवि यादव, धर्मेंद्र ठाकुर, गोविंदगढ़ मंडल के अध्यक्ष विनय कुमार यादव सचिव गणेश साहनी कोषाध्यक्ष विजयपाल के साथ-साथ शंकर दास मनोज साहनी ,सुनील झा ,अशोक कुमार ,सहित कई अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद रहे ।