नई दिल्ली: बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि वो रूसी स्टाइल में काम करके मझोले और छोटे आकार की कंपनियों को खत्म कर रहे हैं। रिजर्व बैंक के लोग भी इसमें शामिल हैं। अडानी इस रैकेट के सरगना हैं। उनका कहना है कि ये बहुत खतरनाक बात है। उनका कहना है कि सरकार छोटे और मझोले स्तर की कंपनियों को NCLT के जरिए बर्बाद करने पर तुली है। ऐसे कारोबारियों को मजबूर किया जा रहा कि वो अपनी कंपनियां बेच दें। रिजर्व बैंक के लोग भी इसमें बराबर के शरीक हैं। अडानी वो कारोबारी है जिसे इन कंपनियों के बिकने से फायदा पहुंचना है। स्वामी ने कहा कि ये देश को गर्त की तरफ ले जाएगा। इस तरह का चलन बेहद खतरनाक घटनाक्रम है।
अक्सर अपनी बातों से पीएम मोदी को असहज करने वाले स्वामी के तेवर तीखे दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि कभी अटल बिहारी बाजपेयी सरकार को एक वोट से गिराने वाले सुब्रमण्यम स्वामी जल्दी राज्यसभा से विदा हो जाएंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि इसके साथ ही उनकी राहें बीजेपी से अलग हो जाएंगी। मौजूदा नेतृत्व आगे उनकी सेवाएं लेने के मूड़ में नहीं है। या कहें कि राज्यसभा में उनकी सेवा नहीं लेना चाहता।
In India's business world today, Modi is creating Russian style Oligarchs who are driving away small and medium companies by ruining them through NCLT and forcing to sellout. RBI chors are also complicit in this . Adani leads in this racket. This is a very dangerous development.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 5, 2022
केंद्र सरकार पर लंबे समय से हमलावर स्वामी का राज्यसभा से कार्यकाल 24 अप्रैल को खत्म होने जा रहा है। बीते दिनों में उन्होंने जिस तरह से सरकार को निशाने पर लिया है, उसके बाद उन्हें दोबारा चुने जाने के चांस न के बराबर हैं। कयास हैं कि उन्हें अब राज्यसभा नहीं भेजा जाएगा। ऐसे में उनके खुद के लिए भी बीजेपी में बने रहना बेहद मुश्किल होगा। स्वामी जिस तरह के नेता रहे हैं उसमें बगावत ही उनका हथियार माना जाता है। गांधी परिवार को कोर्ट तक ले जाने वाले वही हैं। नेशनल हेराल्ड केस स्वामी की पहल पर ही खुला था। हालांकि हाल के दिनों में उनके तेवर कांग्रेस को खासे भा रहे थे। आखिर अपना ही सांसद पार्टी को सरेआम नीचा जो दिखा रहा था।