हरिद्वार: धामी सरकार में सबसे पावरफुल कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद हरिद्वार ग्रामीण सीट से हार गए हैं। उनको हराने का काम किया है हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत ने। जी हां अनुपमा रावत हरिद्वार ग्रामीण से चुनाव जीत गई हैं और 2017 मे अपने पिता हरीश रावत की हार का बदला ले लिया है । लेकिन हरीश रावत ने लालकुआं से हार कर बेटी के सामने फिर चुनौती खड़ी कर दी है। हरीश रावत उत्तराखंड में कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से हैं. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से हार उनके पीछे ऐसे पड़ी है कि पीछा ही नहीं छोड़ रही. साल 2017 में मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा दो सीटों से चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों पर ही उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया, लेकिन यहां भी उन्हें हार ही मिली. अब 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव मे लालकुआं विधानसभा सीटे से पूर्व सीएम हरीश रावत को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। उनके प्रतिद्वंदी भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने उन्हें 14 हजार वोटों से हराया है।
बीजेपी के स्वामी यतीश्वरानंद हरिद्वार ग्रामीण सीट पर लगभग साढ़े 4000 वोट से हार चुके हैं। उधर पूर्व सीएम हरीश रावत लालकुआं से चुनाव हार गए हैं। जिस लालकुंआ सीट से हरीश रावत लड़ रहे थे वहां बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट की जीत हुई है। इस चुनाव में कांग्रेस हरदा की अगुवाई में चुनाव लड़ रही थी। इस बार गदरपुर से शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे 1179 वोट से जीत गए हैं। इस जीत के साथ ही उन्होंने एक रिकॉर्ड बनाया है। ये पहला मौका है जब प्रदेश के शिक्षा मंत्री दूसरी बार भी जीत हासिल की है। वहीं टिहरी की प्रताप नगर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम सिंह नेगी ने जीत दर्ज की है। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी विजय पंवार को हराया है। इसके अलावा देहरादून की विकास नगर सीट से भाजपा प्रत्याशी मुन्ना सिंह चौहान ने जीत दर्ज की है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी नवप्रभात को मात दी। इसके अलावा उत्तराखंड विधानसभा चुनाव का पहला रिजल्ट लोहाघाट सीट से सामने आया। यहां कांग्रेस के खुशाल सिंह ने जीत हासिल की है। खुशाल सिंह 5000 से ज्यादा वोटों से जीते हैं। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने शुरू हो गए हैं। उधर बाकी सीटों पर अभी अलग अलग राउंड की काउंटिंग जारी है।