देहरादून: विधानसभा चुनाव 2022 में खटीमा विधानसभा सीट से हार के बावजूद भी सीएम पुष्कर सिंह धामी पर भाजपा हाईकमान ने भरोसा जताया है। भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद उत्तराखंड के पर्यवेक्षक व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पुष्कर सिंह धामी के नाम का ऐलान किया है।विधानसभा चुनाव के लिए 14 फरवरी को वोटिंग के बाद 10 मार्च को आए चुनावी नतीजे धामी के पक्ष में नहीं आए और उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा था। लेकिन, विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी जीते भाजपा विधायकों ने धामी के लिए लॉबिंग शुरू कर दी थी।
अपनी सीटें छोड़ने के साथ ही भाजपा विधायकों ने केंद्रीय नेतृत्व के सामने धामी को ही दोबारा उत्तराखंड की कमान सौंपने की बात कही थी। आपको बता दें कि 70 विधानसभा सीटों में भाजपा ने 47 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया था,जबकि कांग्रेस के हाथ सिर्फ 19 सीटें ही आईं थीं। निर्दलीय व बसपा प्रत्याशियों ने दो-दो सीटें जीतीं थी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फिर से सीएम बनाने के लिए भाजपा के कुछ विधायकों ने लॉबिंग शुरू कर दी है। अब तक पांच विधायक उनके लिए सीट छोड़ने का ऐलान कर चुके हैं। मुख्यमंत्री धामी के लिए सीट छोड़ने का जिन्होंने ऐलान किया है उनमें चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी, जागेश्वर के मोहन सिंह मेहरा, लालकुंआ डा. मोहन सिंह बिष्ट, रूड़की के प्रदीप बत्रा और खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के नाम शामिल हैं।
निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने शर्त रखी
खानपुर से निर्दलीय जीत कर आए विधायक उमेश कुमार ने मुख्यमंत्री धामी के लिए सीट छोड़ने की पेशकश तो की है लेकिन शर्त भी जोड़ी है। उन्होंने कहा कि सीएम बनने के छह महीने के भीतर यदि उनकी शर्तों को पूरा करने का भरोसा यदि सीएम धामी दें तो वह अपनी सीट छोड़ सकते हैं।
उन्होंने अपनी शर्तों के बारे में कहा कि खानुपर में सिडकुल स्थापना का गजट नोटिफिकेशन किया जाए। कम से कम पांच उद्योगपतियों के साथ एमओयू किए जाएं। मुजफ्फरनगर के मोरना सीमा से हरिद्वार तक गंगा नदी पर तटबंद बनाकर सड़क का काम किया जाए। सोलानी नदी पर भी यूपी की सीमा पर तटबंद व सड़क बने। इसके अलावा भी उन्होंने कई शर्तें जोड़ी हैं।