देहरादून: पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के दूसरे सीएम बन चुके हैं। धामी के नेतृत्व में भाजपा को दो-तिहाई बहुमत मिला, लेकिन वह स्वयं चुनाव हार गए। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें छह महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य बनना होगा, लेकिन अब उत्सुकता इस बात को लेकर है कि आखिर धामी के लिए सीट खाली करेगा कौन। राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है कि मुख्यमंत्री धामी के लिए भाजपा अपने नहीं, बल्कि विपक्ष के किसी विधायक की सीट खाली करा सकती है। राज्य की दूसरी व तीसरी निर्वाचित विधानसभा में ऐसा हो भी चुका है।
धामी के लिए अपनी विधानसभा सीट खाली करने की पेशकश एक निर्दलीय समेत भाजपा के आधा दर्जन विधायक कर चुके हैं। अधिक संभावना इसी बात की है कि वह कुमाऊं मंडल की किसी सीट से उप चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में स्वाभाविक रूप से भाजपा के दृष्टिकोण से किसी सुरक्षित सीट से धामी को मैदान में उतारा जा सकता है। माना जा रहा है कि कुछ समय बाद भाजपा में इसे लेकर मंथन शुरू होगा, लेकिन इस सबके बीच इस संभावना पर भी चर्चा शुरू हो गई है कि क्या किसी विपक्षी विधायक की सीट खाली कराने का दांव भाजपा खेलेगी।
इस तरह की चर्चा के मूल में दो उप चुनाव हैं, जिनमें तत्कालीन मुख्यमंत्री के लिए विपक्ष की सीट खाली कराई गई थी। वर्ष 2007 के दूसरे विधानसभा चुनाव भाजपा ने पौड़ी गढ़वाल से सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी के नेतृत्व में लड़े। भाजपा को बहुमत मिलने पर खंडूड़ी ही मुख्यमंत्री बने। तब उनके लिए पौड़ी जिले की धुमाकोट सीट से कांग्रेस विधायक टीपीएस रावत ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए। इस तरह खंडूड़ी के विधायक बनने का रास्ता साफ हुआ। टीपीएस रावत ने खंडूड़ी की पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
कांग्रेस ने भाजपा को वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के बाद उसी के अंदाज में जवाब दिया। तब कांग्रेस के सत्ता में आने पर टिहरी के तत्कालीन सांसद विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री बनाया गया। बहुगुणा के लिए सीट खाली कराने को कांग्रेस ने भाजपा में सेंधमारी कर ऊधमसिंह नगर जिले की सितारगंज सीट के विधायक किरण मंडल का इस्तीफा करा दिया। बहुगुणा ने इस सीट से चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने।
राज्य की पहली निर्वाचित विधानसभा में कांग्रेस को बहुमत मिला था और मुख्यमंत्री बने नारायण दत्त तिवारी। उस समय तिवारी के लिए रामनगर के कांग्रेस विधायक योगंबर सिंह रावत ने सीट खाली की। इसी तरह वर्ष 2014 में जब विजय बहुगुणा के स्थान पर हरीश रावत मुख्यमंत्री बने तो उनके लिए धारचूला के कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने अपनी सीट छोड़ दी थी।