देहरादून: चंपावत उचुनाव को लेकर बीजेपी ने तैयारियां तेज कर दी हैं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत सीट से उपचुनाव लड़ने जा रहे हैं. विधानसभा चुनाव 2022 के लिए बनाई गई चुनाव प्रबंधन समिति को भंग कर दिया गया है. इसके साथ ही चंपावत में होने वाले उपचुनाव के लिए नई टीम का गठन किया गया है. चंपावत में होने वाले उप चुनाव के लिए सह प्रदेश प्रभारी रेखा वर्मा को केंद्रीय प्रभारी बनाया गया है. इसके साथ ही प्रदेश महामंत्री संगठन को मार्गदर्शक, कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास को प्रभारी मंत्री, कैलाश शर्मा को प्रभारी, दीप्ति रावत को सह प्रभारी, कैलाश गहतोड़ी को संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जबकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए भी कोई खास ज़िम्मेदारी उपचुनाव की नहीं दी गई है इसको देखते हुए एक बार फिर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की चर्चाओं ने तूल पकड़ लिया है माना ये जा रहा है की केंद्रीय नेत्रत्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से कुछ खास कुछ नहीं है वरना उपचुनाव मे मदन कौशिक को कोई न कोई ज़िम्मेदारी दी जानी चाहिए थी। अब सियासी गलियारों मे प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की चर्चाओं ने ज़ोर पकड़ लिया है। आपको बता दें की मदन कौशिक पर चुंनाव के दौरान लक्सर सीट से प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक संजय गुप्ता ने मदन कौशिक पर खुलकर भीतरघात के आरोप लगाए थे। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीतकर दोबारा सत्ता हासिल की, लेकिन उसका प्रदर्शन पिछले चुनाव के मुकाबले 10 सीट कम रहा। 23 सीटों पर हार के कारणों की समीक्षा कर समीक्षा रिपोर्ट अनुशासन समिति को परीक्षण के लिए सौंपी जा चुकी है। अब भाजपा मे भीतरघातियों पर कार्रवाई निश्चित है।
वहीं दूसरी तरफ प्रीतम सिंह ने साफ कर दिया है की प्रीतम सिंह कांग्रेस पार्टी छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं और न ही जाएंगे वो कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं और कांग्रेस मे ही रहेंगे। आपको बता दें की उत्तराखंड कांग्रेस मे नए प्रदेश अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष और उपनेता परतिपक्ष बनने के बाद से ही प्रीतम की नाराजगी देखि जा रही थी क्योंकि पिछली कार्यकारिणी मे प्रीतम सिंह बतौर नेताप्रतिपक्ष कमान संभाल रहे थे और इस बार उन्हे कोई ज़िम्मेदारी नहीं सौंपी गई जिसके चलते प्रीतम के पार्टी छोड़ने की खबरें हवा मे तैरने लगी थी लेकिन आज प्रीतम ने उन खबरों पर विराम लगा दिया है। और गलत खबर चलाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात कही है । प्रीतम ने ये साफ कर दिया है की वो कांग्रेस से नाराज़ नहीं है तो अब सवाल ये उठता है की क्या बिखरी हुई कांग्रेस एकजुट हो गई है क्या उत्तराखंड कांग्रेस मे नए प्रदेश अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष की ताजपोशी मे नाराज़ कांग्रेसी राज़ी हो गए हैं ?