मसूरी: सिफन कोर्ट से बेघर हुए मजदूरों ने मजदूर संघ के बैनर तले पालिका प्रशासन के द्वारा तीन मजदूरोें के आवास तोड़ सामान सड़क पर रखने के विरोध में नगर पालिका कार्यालय में जोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। व बेघर मजदूरों को आवास देने की मांग की। लेकिन जब पालिका में कोई भी अधिकारी ज्ञापन लेने नहीं आया तो आक्रोशित मजदूरों ने शहीद भगत सिंह चौक पर बैरियर बंद कर जाम लगा दिया।
मजदूर संघ मसूरी के कार्यालय में आईडीएच कूड़ा घर के निकट रह रहे तीन मजदूरों के घर तोड़ सामान सड़क पर रखने के विरोध में बैठक की गई व उसके बाद मजदूर संघ के नेतृत्व में बड़ी संख्या में मजदूरों ने नगर पालिका कार्यालय के प्रांगण में प्रदर्शन किया व धरने पर बैठ गये। इस मौके पर मजदूर संघ अध्यक्ष रणजीत चौहान, मंत्री देवी गोदियाल सहित मजदूर नेताओं ने संबोधन दिया व कहा कि नगर पालिका व प्रशासन मजदूरों को शहर से हटाना चाहता है जिस कारण पहले उनके ब्रिटिश काल से बने सिफन कोर्ट के आवास तोड़ डाले व 84 परिवारों को बेघर किया और अब जब वे आईडीएच में रह रहे थे तो वहां से भी तीन मजदूरों के घर तोड़ दिए व तीन को नोटिस दिया गया। उन्होंने कहा कि मजदूरों पर हो रहे इस अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
वहीं जब दो घंटे से अधिक समय पालिका प्रांगण में नगर पालिकाध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी करते रहे लेकिन न ही अध्यक्ष व न ही कोई अधिकारी उनका ज्ञापन लेने आया जिस पर आक्रोशित मजदूर पालिका से वापस शहीद भगत सिंह चौक पर आये और वहां पर नारेबाजी के साथ बैरियर बंद कर जाम लगा दिया जिस पर चौहारा होने के कारण लंढौर रोड, मालरोड, तिलक रोड, मैसानिक लॉज बस स्टैण्ड रोड, पालिका रोड व पार्किग रोड पर जाम लग गया व यहां तकि कि जो स्थानीय लोग स्कूल से बच्चों को लेकर स्कूटी या अन्य वाहनों से आये उन्हें भी नहीं जाने दिया गया। इस मौके पर मजदूर नेता आरपी बडोनी व संजय टम्टा ने कहा कि पालिकाध्यक्ष मसूरी से मजदूरों को हटाना चाहते हैं जब सिफन कोर्ट तोड़ कर मजदूरों को बेघर किया गया था तो पालिकाध्यक्ष ने ही इन्हें आईडीएच में बसाया था और अब वहां से भी हटाया जा रहा है यह अन्याय है इसके खिलाफ मजदूर लामबंद है तथा जबतक न्याय नहीं मिलता विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। वहीं पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता का कहना है कि सिफन कोर्ट के बेघरों को पालिका ने आईडीएच में आवास दिए हैं लेकिन जहां ये मजदूर रह रहे हैं व कूड़ा डंपिंग जोन है जिस पर उन्होंने अपनी झोपड़ी बनाई। उन्होंने कहा कि यहां पर पूर्व में गीला कूड़ा निस्तारण कर खाद बनाने का बायोमैथीन प्लांट लगना है। उन्हांेने यह भी कहा कि उनकी मंशा किसी को हटाने की नहीं है अगर मजदूर संघ उनसे वार्ता करता है तो उन्हें कहीं न कहीं विस्थापित किया जायेगा।