देहरादून: प्रदेश में विकास कार्य अब गति पकड़ेंगे। विशेष रूप से जिलों में छोटे और बड़े निर्माण कार्यों में तेजी आएगी। सरकार ने आठ मंत्रियों को 13 जिलों का प्रभार सौंपा है। जिला नियोजन एवं अनुश्रवण समिति और विकास कार्यों के पर्यवेक्षण के लिए प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति के संबंध में शासन ने आदेश जारी कर दिया गया है। प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति नहीं होने से जिला नियोजन एवं अनुश्रवण समितियों की बैठकें नहीं हो पा रही थीं। यद्यपि पुष्कर सिंह धामी सरकार बीते मार्च माह के अंतिम हफ्ते में चार माह का लेखानुदान लाई थी। जिला योजना के बजट के उपयोग को लेकर सरकार की ओर से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। चालू वित्तीय वर्ष में जिला योजना के लिए 733.72 करोड़ का बजट निर्धारित है। 50 प्रतिशत बजट का उपयोग पुराने शेष कार्यों को पूरा करने में होगा। न्यूनतम 15 प्रतिशत राशि स्वरोजगार से संबंधित योजनाओं पर खर्च की जानी है। वहीं कांग्रेस का आरोप है की धामी सरकार के मंत्री सीएम की नहीं सुनते हैं कांग्रेस का कहना है की अब तीन महीने बाद सरकार को मंत्रियों को प्रभार देने की याद आई है जिला योजनाओं का बजट खर्च नहीं हो पा रहा है कांग्रेस का कहना है की मंत्रियों को जिलों का प्रभार देने से कुछ नहीं होगा इसका फोलोप भी करना होगा।
मंत्रियों पर इस वक़्त प्रेशर है एक तरफ तो जिलों का प्रभार संभालना और दूसरे अपने 100 दिन का रिपोर्ट कार्ड सरकार के सामने पेश करना आपको बता दें एक हफ्ते बाद 30 जून को पुष्कर सिंह धामी सरकार 2.0 का 100 दिन का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है. 23 मार्च को जब मुख्यमंत्री धामी ने शपथ ली थी, तब शपथ के साथ ही बीजेपी संगठन और सरकार द्वारा सौ दिन का टारगेट भी तय कर दिया गया था. लिहाज़ा अब सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड भी चेक किए जाने का समय पास आ रहा है. कैबिनेट मंत्री पूरी शिद्दत से यह रिपोर्ट तैयार करने में जुटे हुए हैं. धामी कैबिनेट के सभी मंत्रियों का दावा है कि उन्होंने तय टारगेट के मुताबिक सफलता हासिल कर ली है. सौ दिन का ये परफॉर्मेंस मंत्री, मुख्यमंत्री के सामने और मुख्यमंत्री जनता के सामने पेश करेंगे. लेकिन, इन सबके बीच मंत्रियों पर जो प्रेशर है, वो है पार्टी हाईकमान का. क्योंकि परफॉर्मेंस रिपोर्ट पर अंतिम मुहर तो हाईकमान से ही लगनी है. बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बी एल संतोष अपने पिछले दौरे में मंत्रियों को ताकीद भी कर चुके थे कि मंत्रियों को परफॉर्मेंस चेक की जाएगी. वहीं कांग्रेस का कहना है की 3 महीने बाद भी सरकार का कोई रोड मैप सामने नहीं आया की किस रोड मैप को लेकर सरकार काम करेगी सरकार को एक विज़न जनता के सामने पेश करना चाहिए ताकि पता चल सके की सरकार कैसे उत्तराखंड का विकास करेगी
मंत्रियों को मिला जिलों का प्रभार
1- सतपाल महाराज को हरिद्वार की जिम्मेदारी
2- प्रेमचंद अग्रवाल को उत्तरकाशी और टिहरी की जिम्मेदारी
3- गणेश जोशी को उधम सिंह नगर की जिम्मेदारी
4- धन सिंह रावत को अल्मोड़ा और चमोली की जिम्मेदारी
5- सुबोध उनियाल को देहरादून की जिम्मेदारी
6- रेखा आर्य को नैनीताल और चंपावत की जिम्मेदारी
7- चंदन राम दास को पिथौरागढ़ और पौड़ी की जिम्मेदारी
8- सौरभ बहुगुणा को रुद्रप्रयाग और बागेश्वर की जिम्मेदारी