देहारादून : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने भीख मांगने पर रोक लगाने के लेकर एक बड़ा आदेश जारी किया है और अधिकारियों को भिक्षावृत्ति रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए. ऋषिकेश एवं देहरादून के सहायक श्रमायुक्त सहित अन्य अधिकारियों के साथ भिक्षावृत्ति रोकने को लेकर बैठक में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जहां भी भिक्षावृत्ति की या करवाई जा रही है, उस पर प्रभावी रूप से रोक लगाई जाए.
भीख मांगते पकड़े जाने पर होगी कानूनी कार्रवाई
देहरादून के डीएम आर राजेश कुमार ने भिक्षावृत्ति को समाज पर कलंक बताते हुए कहा कि इस संबंध में कानून अपना काम करेगा और जहां भी भिखारी मिलेंगे तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
जिला स्तर पर किया गया टास्क फोर्स का गठन
आर राजेश कुमार ने कहा कि गली-मोहल्लों और सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगना कानूनन अपराध तो है ही बल्कि ये सब इंसानियत को भी लज्जित करता है. जिलाधिकारी ने कहा कि भिक्षावृत्ति रोकने के लिए जिला स्तर पर एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है जो भिक्षा मांगने वालों पर नजर रखेगी.
किस राज्य में हैं कितने भिखारी
हाल ही में किए गए एक सर्वे के मुताबिक, देश में सबसे कम भिखारियों की संख्या लक्षद्वीप में है, जहां सिर्फ 2 भिखारी हैं. संसद में पेश की गई इस रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल में भिखारियों की संख्या सबसे अधिक है, जहां 81244 लोग भीख मांगते हैं. दूसरे नंबर पर मौजूद उत्तर प्रदेश में भिखारियों की संख्या 65838 है, जिनमें से 41859 पुरुष और 23976 महिलाएं हैं. वहीं उत्तराखंड में भिखारियों की संख्या 3320 है.