भोपाल: मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग में एक 10 साल के बच्चे ने फोन कर शिकायत की और बताया कि माता-पिता के झगड़ों के कारण वे और उसके भाई-बहन स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। इस मामले में बच्चों की परवरिश में कोताही बरतने को लेकर बाल आयोग ने माता-पिता को कड़ी फटकार लगाई है। आयोग सदस्य ब्रजेश चौहान ने अभिभावकों से कहा कि माता-पिता के विवाद का असर किसी भी तरह से बच्चों पर नहीं पड़ना चाहिए।
दरअसल, कोटरा क्षेत्र में रहने वाले पति-पत्नी के विवाद का असर उनके तीन बच्चों पर पड़ रहा था। मामले में दस साल के बड़े बेटे ने बाल आयोग में फोन कर कहा था कि माता-पिता के झगड़े के चक्कर में वे स्कूल नहीं जा पाते। जब बच्चे की फोन पर ही काउंसलिंग की गई तो उसने बताया कि पिता अचानक कभी भी उसे और उसकी बड़ी बहन और छोटे भाई को मां के साथ छोड़कर कहीं चले जाते हैं। बच्चे ने बताया कि ऐसे में मां भी कई बार गुस्से में उन तीनों को बुआ के घर छोड़कर खुद मामा के यहां रहने चली जाती है। स्कूल खुलने के बाद इस कारण वह तीनों कई बार स्कूल नहीं जा पाए हैं।
दंपती के बीच कराया समझौता
इस मामले में बाल आयोग ने शुक्रवार को दंपती को बुलाया और उनके बीच सुलह कराने की पहल की, ताकि बच्चों को परेशानी से बचाया जा सके। आयोग ने पिता को फटकार लगाते हुए कहा कि आप अपनी जिम्मेदारी से ऐसे बच नहीं सकते। उन्होंने पिता को चेतावनी दी कि आगे शिकायत आने पर उन पर कार्रवाई की जा सकती है। इसी तरह मां को भी समझाया कि बच्चों को छोड़कर वह अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती है। आयोग ने पूछा तो दंपती के बीच झगड़े की वजह आर्थिक परेशानी पता चली। दोनों को समझाया गया कि आपसी सामंजस्य बढ़ाएं और बच्चों के भविष्य को संवारें।