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उत्तराखंड में पीसीसी सदस्य चयन में सीनियर नेताओं की अनदेखी ! कांग्रेस में कलह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के बेटे के बाद पिथौरागढ़ के विधायक ने दिया पीसीसी से इस्तीफा…

देहरादून:  उत्तराखंड कांग्रेस में एक बार फिर घमासान मचा हुआ है। पीसीसी सदस्य चयन में सीनियर नेताओं की अनदेखी से नाराज कांग्रेसी अब संगठन के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं। सबसे पहले कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के बेटे अभिषेक सिंह ने इस्तीफा दिया तो अब पिथौरागढ़ के विधायक मयूख महर ने पीसीसी से इस्तीफा दिया है। इस्तीफे के पीछे पीसीसी सदस्य चयन में वरिष्ठ और जनाधार वाले नेताओं की अनदेखी को कारण बताया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने पीसीसी की लिस्ट जारी की थी,जिससे कई नेता नाराज चल रहे हैं। माना जा रहा है कि अभिषेक और मयूख महर के बाद कुछ अन्य भी इस्तीफा देने की तैयारी में हैं।

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से सदस्यों का चुनाव कर लिया गया है। लेकिन सूची जारी नहीं की है। सूची जारी करने से पहले ही इस्तीफे शुरू हो गए हैं। जिससे पीसीसी के नवनिर्वाचित सदस्यों की घोषित सूची विवादों में घिर गई है। पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह के बाद अब पिथौरागढ़ विधायक ने भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया है। उन्‍होंने आरोप लगाया है कि पार्टी में बड़े व जनाधार वाले नेताओं की उपेक्षा हो रही है।पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे प्रीतम सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह और पिथौरागढ़ के विधायक मयूख महर ने पीसीसी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अभिषेक ने अपने इस्तीफे के पीछे पीसीसी सदस्य चयन में वरिष्ठ और जनाधार वाले नेताओं की अनदेखी को कारण बताया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने दो दिन पहले पीसीसी की लिस्ट जारी की थी,जिससे कई नेता नाराज चल रहे हैं। माना जा रहा है कि अभिषेक और मयूख महर के बाद कुछ अन्य भी इस्तीफा देने की तैयारी में हैं।

19 विधायकों में 16 को सूची में जगह

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनिर्वाचित सदस्यों की घोषित सूची विवादों में घिर गई है। पीसीसी के 222 सदस्यों की सूची में प्रदेश के दिग्गज और बड़े नेताओं और उनके परिवार के सदस्यों का दबदबा साफ दिखाई दे रहा है। पार्टी के कुल 19 विधायकों में 16 को सूची में जगह दी गई है। उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी व विधायक ममता राकेश इस सूची से बाहर हैं।

करन माहरा पर प्रदेश कांग्रेस का संगठन एकजुट और मजबूत करने की चुनौती

विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने गणेश गोदियाल की जगह करन माहरा को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी। करन माहरा पर प्रदेश कांग्रेस का संगठन एकजुट और मजबूत करने की चुनौती है। करन माहरा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही पार्टी के सीनियर नेताओं में नाराजगी भी खुलकर सामने आ चुकी है। सबसे ज्यादा नाराजगी प्रीतम खेेमे में नजर आई। अब सांगठनिक सदस्यों को लेकर कांग्रेस के अंदर कलह खुलकर सामने आ गई। जबकि लिस्ट भी अभी सामने नहीं आई है। इस सूची में जगह न पाने वाले कांग्रेसी नेता पहले ही संगठन के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। अब पीसीसी सदस्य भी नाराजगी जता रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में कांग्रेस के अंदर फिर से घमासान मचना तय है।

 

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Author: nirbhiknazar

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