देहरादून: उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के गुरुकुल कांगड़ी आयुर्वेद परिसर में एक सप्ताह के भीतर नशा मुक्ति एवं रिसर्च सेंटर शुरू कर दिया जाएगा। इस सेंटर में अत्यधिक नशे के आदि लोगों पर रिसर्च कर उनका उपचार आयुर्वेदिक दवाइयों से किया जाएगा। इस सेंटर में नशे को छड़वाने के लिए आयुर्वेदिक पद्धति का प्रयोग किया जाएगा। गुरुकुल आयुर्वेद परिसर के डायरेक्टर प्रो. पंकज शर्मा ने बताया कि गुरुकुल परिसर के अगद तंत्र डिपार्टमेंट में नशा मुक्ति एवं रिसर्च सेंटर एक सप्ताह के भीतर शुरू कर दिया जाएगा। इस विभाग में अत्यधिक नशे के आदि लोगों पर रिसर्च और उनका उपचार आयुर्वेदिक पद्धति से किया जाएगा।
साथ ही वह किस प्रकार का नशा लेने और कितनी मात्रा में नशा करने से आदि हुए, इन सब बिंदुओं पर रिसर्च किया जाएगा। नशा मुक्ति एवं रिसर्च सेंटर में ओपीडी भी शुरू की जाएगी। जो सामान्य रूप से नौ बजे से लेकर दो बजे तक खोली जाएगी। जो लोग अत्यधिक नशे के आदि हैं उन्हें इस रिसर्च सेंटर में भर्ती भी कराया जाएगा।
प्रथम चरण में इस ओपीडी में छह बेड रिजर्व किए गए हैं। आगे जरूरत पड़ने पर बेड की संख्या बढ़ाई भी जा सकेगी। नशा मुक्ति एवं रिसर्च सेंटर में तीन डॉक्टर नियमित रूप से जांच करने का कार्य करते हुए मरीजों की देखभाल और अध्ययन करने का काम करेंगे।
10 रुपये की पर्ची पर मिलेगा उपचार
नशे के आदि व्यक्ति गुरुकुल आयुर्वेदिक परिसर में उपचार कराना चाहेगा तो उसे 10 रुपये के सरकारी खर्च पर चार दिन की दवाइयां दी जाएगी। यदि किसी व्यक्ति को भर्ती किया जाता है तो उसे 15 दिन के लिए केवल 20 रुपये का शुल्क देना होगा।
उत्तराखंड विश्वविद्यालय के गुरुकुल परिसर में नशा मुक्ति एवं रिसर्च सेंटर खोला गया है। जिसका उद्घाटन जल्द कर उसे शुरू कर दिया जाएगा। लोगों में विभिन्न प्रकार के नशे को छुड़वाने और रिसर्च में इस नशा मुक्ति एवं रिसर्च सेंटर की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
प्रो. सुनील कुमार जोशी, कुलपति, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय